सोमवार, 28 दिसंबर 2015

सोना बनाने की तकनीक ।

सोना
इस जगत मे मनुष्य के लिए कुछ भी करना संभव है ।भारत प्राचीन काल से ही खोज के मामले मे विश्व मे आगे रहा है । जव भारत को सोने की चिडिया कहा जाता था उस समय भारत मे अटूट सोना था।आज भी भारत मे सोने के खजाने है ।पर  इतना सोना भारत मे आया कहॉ से होगा ।जरूर उस समय भारत मे सोना बनाने की कृतिम तकनीके विकसित रही होगी ।जिनसे सोना बनाया जाता होगा ।
सोना बनाने की प्राकृतिक बिधि -इस बिधि की जानकारी कुछ  इस प्रकार मिलती है कि सोना मिट्टी या सुन्हरी रेत' जो कही कही जमीन पर पाई जाती है ' जिसमे सोने के कण होते है ।एसी रेत या मिटटी से प्रक्रियाओं के दुआरा सोने के कण  अलग करके सोना बनाया जाता है । टनो मिटटी साफ करने पर  एकाध तोला सोना बनता है ।
दूशरी सताब्दी मे जन्मे रसायनाचार्य नागार्जुन रचित पुस्तक 'रसरत्नाकर' मे रसायनो के प्रयोग से धातुओं को दूसरी धातुओं मे बदलने की बिधियॉ बताई गई है । जिनमें बिभिन्न धातुओं को सोना' चॉदी' रजत' मे बदलने का भी उल्लेख मिलता है । कुछ  और ग्रंथो मे भी सोना बनाने संबंधी जानकारीयॉ मिलतीं है ।लेकिन पुरानी संस्कृत भाषा मे श्लोक होने से शब्दों का सही सही अर्थ निकाना कठिन है । मोटे अर्थ मे सोना बनाने की आधी अधूरी कुछ  इस प्रकार मिलती है ।जिसमें_ पारा ' गंधक ' और किन्हीं रसायन को आग मे तपाया जाता है ।और पारे को ठोस करने की कोशिश की जाती है ' जिसमे रसायन पारे को उडने से रोकते है और गंधक पारे को आपना पीला रंग देता है ।
वैज्ञानिकों दुआरा भी एसी पुष्टि की जाती है कि रसायनो के प्रयोग से धातुओं मे परिबर्तन करना संभव है ।जो भी हो पर यह कृयाए काफी कठिन और जटिल होती है ' जिनहे करने मे पूरा जीवन भी गुजर सकता है । और कूछ लोगो के बारे मे एसे प्रमाण भी मिलते है जिन्होंने सोना बनाने के चक्कर मे अपना पूरा जीवन ही खपा दिया फिर भी सफल नही हुए ।





पुराने लेखों मे पारस पत्थर का भी उल्लेख मिलता है ।कि इस पत्थर से लोहे को सोने मे बदला जाता है ।पर यह पत्थर क्या होता है कैसा होता है । इस विषय मे स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती ' कोई कहता है कि हिमालय मे पाया जाने वाला सफेद पत्थर ही पारस होता है ।पारस शब्द पारद यनि पारा से बना है ।इसलिए 'पारस पत्थर' पारे का ही ठोस रूप होना चाहिए ।

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बुधवार, 23 दिसंबर 2015

खरीददारी की सावधानीयॉ ।

बाजार मे खरीदारी करते समय ग्राहको को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हुए ' बस्तुए खरीदना चाहिए ।जो ग्राहक के हित मे है और  उसे हानी से बचातीं है ।
  • आज बाजार मे लोकल नकली बस्तुए ' दुकानदारो दुआरा अधिक बैची जाती है ।क्योंकि इन पर  अधिक मुनाफा मिलता है ।इसलिये वस्तु के पेकिट पर निर्माता कंपनी का पूरा पता देखकर ही वस्तुए खरीदना चाहिए । निर्माता कंपनी के आधे अधूरे पते बाली वस्तुएं लोकल और नकली होती है ।
  • वस्तु के बजन की मात्रा पर संदेह होने पर ' वस्तु को तुलना चाहिए ।फिर भी संतुष्ट न होने पर बस्तू को घर पर तोल कर देखना चाहिए ।कम होने पर सिकायत करना चाहिए ।
  • एम.आर.पी. रेट से कुछ कम मूल्य पर ही वस्तुएं खरीदना चाहिए।क्योंकि वस्तुओं को MRP Rs. से कम रेट पर ही बैचने का नियम है ।
  • वस्तुओं के पेकिट पर  अंकित वस्तु की उत्पादन तिथि और समाप्ति तिथि देखकर ही बस्तुए खरीदना चाहिए ।खास कर दबाए खरीदते समय  इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • खुल्ली बस्तुए ' जैसे- अनाज' दाले ' शक्कर ' चावला आदि जो पेकिंग मे नहीं आती । इन चीजों मे मिलावट की संभावना होती है । अतः ग्राहक को खुल्ली वस्तु की जॉच करनी चाहिए ' की  उसमे मिलावट तो नही है ।
  • दुकानदार से वस्तुओं का पक्का विल जरूर लेना चाहिए । पक्के विल मे दुकान के नाम पते के साथ टिन नं ' विल नं ' प्रिंट रहता है । सादे कागज़ एवं लेटर पैड बाला विल नकली विल माना जाता है ।
  • कुछ वस्तुओं के साथ कंपनीयॉ डिस्काउंट या उपहार देती है । जिसे दुकानदार छुपा लेते है । ग्राहक को दुकानदार से इसकी मॉग करना चाहिए ।यह  उसका अधिकार है ।
  • खरीदारी के उपरांत विल के टोटल  और बस्तुऔ  की संख्या की जॉच करना भी बहुत जरूरी है । कभी -कभी विल के टोटल मे गलती निकलती है और कभी कोई वस्तु भी विल मे जादा जुड जाती है । एसा गलती से या जानबूझ कर भी दुकानदार दुआरा किया जाता है ।
  • अपनी गाड़ी में डीजल पैटोल भरवाते समय  ग्राहक को मीटर की रीडिंग पर नजर रखते हुए रीडिंग की शुरूवात  और  अंत देखते रहना चाहिए । कभी कभी टेंक के कर्मचारी ग्रहक को चकमा देकर  उसे ठग लेते है ।
  • रसोई गैस सिलेंडर लेते समय ग्राहक को यह जरूर देखना चाहिए कि सिलेंडर कहीं लीक तो नही है । सिलेंडर लीक होने पर  उसे तुरंत बदलना चाहिए ।
           
         उपभोक्ताओं को अॉनलाइन सिकायत करने हेतु www.core.nic
.in पर लॉगिन करना चाहिए ।

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शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

अमीर किसान की कहानी ।

रसएक गॉव मे  एक किसान रहता था । उसके पास चार बीघा जमीन थी ।जिस पर वह खेती करता था ।सूखी जमीन होने से वह साल मे एक ही बरसात की फसल  उगा पाता था ।और वह गरीबी दुखहाली मे अपना जीवन यापन करता था ।यही हाल  उसके पडोसी किसानो का था ।
इस किसान ने अपने खेत के कोने मे एक तालाव बनवाया '' और फिर खेत मे पानी की व्यवस्था होने पर वह  उसी खेत मे एक साल मे चार फसलें लेने लगा ।एवं तालाव का पानी पडोसी किसानों को भी बेचने लगा । इसके बाद  इस किसान ने तालाब मे मछलियों को पालने का काम भी शुरू कर दिया। इसके साथ ही उसने पशु पालन के रूप मे कुछ भैंसै भी खरीद ली ' जो खेत का खरपत्वार खाती और तालाब का पानी पीकर मस्त रहती ।किसान इनका दूध बेचता ।इनके गोबर को खाद के रूप मे खेत मे डालने से फसल भी अच्छी पेदावार देती । अब  अकेला किसान इतने काम करने मे अपने आप को असमर्थ महसूस करने लगा ।इसलिए उसने अपना गॉव का मकान बैच कर ' खेत पर ही घर बना लिया ।और  अपने परिवार सहित खेत पर ही रहने लगा ।अब  उसके परिवार के लोग भी कामों मे उसका हाथ बटाने लगे ।अब  इस किसान ने खेत मे तालाब के पास कुछ जगह पर सब्जियां उगाने का काम भी आरंभ कर दिया । जिससे घर का सबजी का खर्च चलने के साथ ' सब्जियों के बिकृय से आय भी होती ।
अब  इस किसान के सामने सबसे बडी परेशानी यह थी की वह मवेशियो से खेती की रक्षा कैसे करे । और फिर  उसने अपने खेत की चारो मेंडो पर फलदार पेड़ लगाए ' दो साल बाद पेड कुछ बडे होने पर ' पेडो के सहारे खेत के चारो ओर कॉटेदार तार खींच दिया । अब किसान को खेत की सुरक्षा के साथ ही पेडो के फलों से भी अतिरिक्त आय होने लगी ।और  अब  इस किसान ने खेती के साथ होने बाले सभी सहायक धंधे आरंभ कर लिए । अब यह किसान दिन दूनी रात चौगनी तरक्की करने लगा ।और देखते ही देखते कुछ ही बर्षो मे एक  अमीर आदमी बन गया ।


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गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

जागरूकता से खरीददारी ।धन बचत ।

मित्रो हमारी आय का बहुत बडा हिस्सा बस्तुओ की खरीद पर व्याय होता है ।जैसे _खादय समान 'कपडे 'बतृन' वाहन 'आदि और न जाने क्या -क्या ।आज हमारी हर छोटी बडी जरूरत का सामान बाजार मे उपलब्ध है। जब हमे जिस वस्तू की जरूरत होती है 'हम  उस वस्तू को तुरंत बाजार से खरीद लाते है ।और  उसका उपयोग करने के बाद  अगले दिन  उस वस्तू को भूल जाते है ।क्योकि वह वस्तू दूसरे दिन हमारी नजर मे पुरानी हो जाती है ।
पर क्या आपने कभी यह  आकलन किया है ।कि हम जो वस्तुए खरीदते है ।उनका हम  पूर  उपयोग  भी कर पाते है 'या नही ।  क्या हमारे पैसे का सही स्तमाल हुआ या नही ।
यह जानने के लिज  आप एक लिस्ट बनाए । माह की एक तारीख से तीस तारीख तक हर रोज  आपके घर मे जो भी वस्तू  खरीद कर लाई जाए उसे आप  इस लिस्ट मे नोट करते जाए ।अब  एक महिने बाद  आप  इस लिस्ट को जँचे 'आप पाएगे कि उन वस्तुओ मे से लगभग 50% वस्तुए बेकार सावित हुई 'जिनका आप पूरा उपयोग नही कर पाए । आपका पैसा पानी मे गया । इस लिस्ट मे बेकार पाई पाई गई वस्तूओ मे अधिक वस्तुए वह होगी ' जो बच्चो के दुआरा या महिलाओ के दुआरा खरीदी गई थी । क्योकि महिलाए और बच्चे खरीद फरोखत मे कच्चे होते है ।उनहे पैसे की अहमियत पता नही होती है'  क्योकि वह कमाते नही है ।इस बात को समदने के लिए 'आपने वह कहानी जरूर ही पढी होगी _एक बाप  अपने बेटे को एक रुपया देकर 'उससे कहता हे -जा इसे कुए मे फेक  आ 'बेटा फेक  आता है 'फिर बाप कहता है 'एक रुपया कमा कर लाओ 'तब बेटा अपनी मँ से एक रुपया ला कर बाप से कहता है-मे यह ले आया ।बाप फिर बेटे से कहता है -जा इसे कुए मे फेक  आ । बेटा एसा ही करता है ।दुशरे दिन बाप पत्नी को मायके भेज देता है ।और फिर बेटे से कहता है -आज तुम दो रुपये कमा कर लाओ नही तो शाम को तुमहे खना नही मिलेगा और पटाई होगी । आज बेटा सचमुच दो रुपये कमा कर ले आता है और  अपने बाप को दिखाता है ।बाप फिर कहता है -कुए मे फेक  आ 'लेकिन बेटा इस बार  एसा नही करता 'और बाप से कहता है -यह दो रुपये कमाने मे मेरी कमर टूट गई और  आप कुए मे फिकवा रहे है । नही   फेकूगा ।यह सुनकर बाप खुश होत है 'और बेटे को साबासी देता है ।
सॉपिंग के टिप्स
(1) बच्चो व महिलाओ के साथ  जा कर खरीददारी कराए ।
(2)M R P  से भी कम रेट पर वस्तुए खरीदे ।
(3)  गारंटी वारंटी के साथ वस्तू का पक्का विल दुकनदार से लेना न भूले ।
(4)अपनी पसंद से सामान खरीदे 'दुकानदार की न माने 'वह कहेगा_हय सामान  उससे भी बढिया है 'घटिया हो तो बापस कर जाना 'क्या हमने आपको कभी घटिया माल दिया नही न ।घर की बात है  आदि कहकर वह  आपको उल्लू बना देगा ।
(5) चतुराई से मोल भाव करे ।सबसे पहले वस्तू पसंद करे 'फिर कीमत पूछे 'दुकनदार रेट बताएग 'दुवारा पूछे _सही सही  बताईए या फिक्स बताए 'वह  आप से कहेगा आच्छा कितना दोगे 'पर  अभी आप  अपनी बात न बताए 'बरना ठगा जाएगे'' अब वह दुबारा कुछ कम रेट वताएगा ।अब  आपकी बारी है उसके बताए रेट से आधा कीमत लगा कर खडे हो जाए और फिर  आखरी कीमत लगा कर चलते बने । अब दुकनदार  असलियत पर आ जाएगा ।
(6) आज  अॉनलाइन सॉपिंग लाभ का सोदा है। घर बैठे सामान खरीदना 'और डिजिटल मनी से पेमेंट करना इसमे समय  और धन की बचत होती है। पर पूरी जनकारी लेने के बाद ।
(7)मोल करे तलबार का पडी रहन दे म्यान _यनी पेकिट की चमक दमक नही अपितू वस्तू की गुणबत्ता देखे ।
(8) कपडा खरीदने के लिये सबसे करगर रम बाण टिप्स_जब सुबह दुकनदार  अगरबत्ती लगा कर दुकान पर बेठे' ' तभी आप पहले गाहक बन कर पहुचे 'और कपडा पसंद करे 'फिर कीमत पूछे ' जबाव सुनकर 'कहे महगी है हम नही ले पाएगे और बापस  आने लगे । तब वह  आपसे कहेगा 'आप पहले गाहक है आप भगबान है । बोनी न बिगाडे ।और  आपको 100% सच रेट बताएगा' और खरीद रेट से केवल 10 या 5 रुपये ही जादा लेगा  ।
अजी दुकानदार को छोडो 'झूठ का धंधा करने बाले बकील भी सुबह  अपने पहले क्लाइट से एक बार सच  जरुर बोलते है । इनके अपने उसूल होते है ।जिनका हमे लाभ  उठाना चाहिए ।
जय सुभ_लाभ ।
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सबसे मेहगे मेवा की खोज ।

एक भारतीय दुर्लभ मेवा ।
उच्च कोटि के भारतीय मिष्ठानो मे प्रयोग किया जाने वाला एक बिशेष प्रकार का मेवा होता है ।जो महगे स्वीटस  आइटम एवं आइसक्रीम आदि मे सिर्फ आधा तुकडा ही देखने को मिल्ता है । यह मेवा दिखने मे भूरे रंग का ' कॉटे जैसा होता है । इसका स्वाद कसेला होता है । इसे मिठाई यो मे देखकर ब्यक्ति  आश्चर्य मे पड जाते है और सोचते है ।आखिर यह है क्या चीज फिर सोचते है । शायद कोई विदेशी बहुत मेहगा मेवा होगा ।और लोगो को भ्रमित करने के लिए ही इस मेवे का उपयोग मिष्ठानो मे किया जाता है । यह मेवा स्वाद मे भले ही कसेला होता है । पर  इसमे औषधीय गुण भी होते है ।
आम तोर पर व्यापारी इस मेवे को ऊची किस्म का ' चिलगोजा ' बताते है । पर यह चिलगोजा नही होता है ' क्योंकि चिलगोजा चीड के पेड के फल की गिरी को कहते है जो  आकार मे इससे मोटी एवं पूरी साबुत बिजी होती है ।
यह विशेष प्रकार का नया मेवा  है ' इसका बाजार भाव 2000रू प्रति किलो के लगभग होता है ।दरशल यह मेवा कुछ  और नहीं वल्कि अर्जुन के पेड के फल की गिरी है ।यह पेड भारत मे बिहार एवं मध्य प्रदेश मे नदियों और नालों के किनारे सबसे जादा पाया जाने वाला पेड है । जो 15 प्रजातियों मे पाया जाता है । इस पेड का बीज बहुत ही मजबूत होता है जिससे गिरी निकालना बहुत कठिन कार्य होता है । इसलिए इसे काटने पर गिरी भी साथ मे कट जाती है । काटने के आलावा गिरी निकालने का कोई उपाय नही होता है । यह काम काफी कठिन और जटिल होता है । एक फल मे एक ही गिरी पाई जाती है । अधिकंश फल खाली निकलते है जिनहे काटने की मेहनत बेकार ही जाती है । इन्ही सब कारणों से इस मेवा का उत्पादन कम होता है  एवं माग जादा' इसलिए यह मेवा मेहगा होता है । अगर भबिश्य मे  इस बीज से गिरी निकाने की कोई नई तरकीब निकाल ली जाएगी । तभी यह बहूमुल्य मेवा प्रचलन एवं प्रकाश मे आएगा ।

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शनिवार, 12 दिसंबर 2015

कृषि एवं व्यापार संबंधी हिंदी वेबसाइटे ।

रोजगार'व्यापार' नोकरी और खेती बाडी की जानकारीयो का खजाना हिंदी भाषा मे पढने हेतु नीचे लिंको पर क्लिक करें ।
आर्थिक एवं करियर की जानकारीयो के साथ ही व्यापार जगत के समाचार'रोजगार समाचार और खेती किसानी की जानकारी हिंदी भाषा मे है । 🎆 शुभ लाभ की प्रस्तुति ।🎆








इस लेख मे व्यापारी और किसान भाईयो के लिए हिंदी की कुछ चुनिंदा वेबसाइटों के लिंक  और पते दिए जा रहे है ।
जहाँ खेती और व्यापार से संबंधित जानकारीयॉ हिंदी भाषा मे उपलब्ध है ।

खेती से जुडी हिंदी वेबसाइटे
1~कृषि एवं पशुपालनwww.indg.in/agriculture/agriculture/hindi/

2~कृषि सेवाwww.krishisewa.com

3~इंडिया वाटर पोर्टलhindi. indiawaterportal. org

4~म. प्र.कृषिwww.mpkrishi.org

5~ यू.पी.कृषिagriculture. up.nic.in

6~कृषि मिशनkrishimis.in

7~म.पृ. शासनwww.mphorticulture.gpv.in

8~झरखंड कृषिwww.jharkhand. gov.in

9~नावार्डwww.nabard.org

10~हिंदी इंटरनेटwww.hindiinternet.com/kisan
व्यापार संबंधित हिंदी वेबसाईटे
1~मनी मंत्रmoney mantra.net.in
2~नफा नुकसानwww.nafanuksan.com
3~मोल तोलwww.moltol.in/hindi
4~मनी भास्करm.money. bhaskar. com
5~विजनस भास्करepaper. businessbhaskar. com
6~रोजगार समाचारwww.rojgaar smachrhindi.in
7~ औलेक्सwww.olx.in/hindi/i2
8~हिंखोजwww.dir.hinkhoj.com
9~पैसा बाजारwww.paisa bazaar. com
कृषि और व्यापार संबंधित हिंदी ब्लॉग
1~सीतामणीseetamni.blogspot. in
2~खेती किसानीkheti-kisani.blogspot. com
3~समाज दर्पणaanjana.blogspot. in
4~सोदा बाजारsaudabazaar.blogspot. in
उधयमी हेल्पलाइन भारत सरकार 18001806763 टोल फ्री पर जानकारी पाएं ।

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शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

वित्त संबंधी पुरानी कहावते ।

आर्थिक विषय पर पूर्वजो का शोध पुरानी कहावते । शुभ लाभ की प्रस्तुती ।
(1) बाप भला न भैया' सबसे भला रूपाइया । (2) सस्ता रोए बार बार ' मेहगा रोए एक बार । (3) खेती करें बंजी जाए ' दो मे से एक न पाए । (4) बंद मुटठी लाख की 'खुली मुटठी खाक की । (5) जिंदा हाथी लाख का ' मरा सबा लाख का । (6) पैसा न धेला ' बहू चली मेला । (7) हाथ न कोडी ' नाक छिदान दोडी । (8) नौ नगद ना तेरह उधार । (9) चोखा लेना ' चोखा देना । (10) लेना एक न देना दो । (11) आज नगद ' कल उधार । (12) पैसा फेको ' तमाशा देखो । (13) आम के आम ' गुठली के दाम । (14) जो दिखता है ' वो बिकता है । (15) गरीब की लुगाई ' सब की भोजाई । (16) खरचा रूपया ' अठन्नी आय । (17) घर की आधी भली ' बाहर की पूरी बुरी । (18) हेल्थ इज दा बेल्थ ।(अंग्रेजी कहावत) (19) धरती खोदे धन मिले ' मित्र मिले परदेश । (20) जो देन जानता है ' वो लेना भी जानता है । (21) धर का दाम खोटा ' परखईंया को दोष । (22) कठिन चाकरी ' भीख निकाम । (23) पहला सुख निरोगी काया ' दुजा सुख घर मे माया । (24) कुछ पाने के लिए ' कुछ खोना पडता है । (24) जैसा काम ' बैसा दाम । (25) पैसे की कदर है ' बाकी सब गदर है

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मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

अमीरी के लोभ मे लुटते है लोग ।











यदि किसी आदमी से सौ रूपये मागे जाते है ' तो वह देने से मना कर देता है  । और  अगर  आदमी को  लाखो रूपये के फायदे की कोई झूटी तरकीब का विश्वास देकर ' हजार रू भी मागे जाए तो  25%  लोग देने को तैयार हो जाते है ।
क्योकि हर  आदमी धन पाना चाहता है ।  आदमी की इस कमजोरी का फायदा  उठाते है कुछ जायदा होशियार लोग । जो  तंत्र ' मंत्र ' यंत्र ' टोटको आदि से लोगो को अमीर होने का झूठा भरोसा दे कर ' उनसे खूब पैसा एठते है । इस प्रकार की ठगी के धंधे आज खूब फल फूल रहै है । जिनमे कोई हनुमान यंत्र बैच रह है ' तो कोई कुबेर कुंजी बैच रहा है । कोई बरकत लॉकिट तो कोई धन बर्षा यंत्र बैच रहा है । कोई गुरू फाइल बना रहा है ' तो कोई बाबा कऊए को खीर खिलाने का उपाय बता रहा है । और कोई बास्तू शास्त्री घर पर मनी प्लांट की बेल से धन पाने का तरीका बता रहा है ।
बडे दुख की बात है कि आज के इस बेज्ञानिक युग मे भी लोग  इन  अंधविश्वासो के चक्कर मे पड रहे है और  अपनी मेहनत का पैसा  इन धातुओं के तुकडो पर खराब करते है । जो सरासर झूठ होते है । अगर  इन सभी धन देने बाले  यंत्रों को आदमी अपने गले मे लटका कर हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहे और कुछ भी काम धंधा न करे ।  और फिर  इन यंत्रों के दुआरा धन  आए ' तब माना जाएगा कि इनमे शक्ति है । बरना यह सब बकवास एवं बेकार की बातें है ।
मेरे पडोसी के यहाँ पॉच साल से मनी प्लॉट की बेल लगी है । आज तक  उसमे मनी फलने की बात तो दूर  एक फूटी कोडी तक नही फली है ।
बगेर कर्म के कुछ भी नही पाया जा सकता है ।

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सोमवार, 7 दिसंबर 2015

जीवन मे काम धंधे का महत्व ।




सारी दुनिया के संपूर्ण ज्ञान सार यह है कि _ भोजन मुफ्त मे नही मिलता "  इसलिए मनुष्य को अपने जीवन मे कुछ न कुछ काम धंधा करना अनिवार्य होता है ।

कर्म  प्रधान विश्व कर राखा' जो जस करे सो तस फल चाखा ।
अर्थात - संसार मे कर्म  ही सबसे बडा माना गया है । जो आदमी जैसा काम करता है ' उसे उसका बैसा ही फल मिलता है ।
काम का फल नही छुटता फल मिलना तो अटल है । क्योकि  कर्म  से फल बधा होता है । इस संसार मे  सबकुछ है 'परंतू  बिना करम किए कुछ भी पाना असंभव है ।
एक बिचारक ने कहा है _ आदमी का दिमाग जिन चीजों को सोच सकता है ' आदमी उन चीजों को पा भी सकता है ।

                      " अपना हाथ जगन्नाथ "
युवक को अपने 18 साल का होने पर  अपने जीवन का लक्ष्य तय कर लेना चाहिए । कि उसे अपने  जीवन मे क्या करना है ।  अपनी रुचि और  इक्छा के अनुसार मनपसंद काम धंधे का चुनाव करना उचित होता है ।  जिसमे मॉता पिता को भी अपने युवा बच्चों  के उपर काम के विषय मे अपना निर्णय नही थोपना चाहिए । कि उनहे डॉ  बनाना है या पायलट बनाना है । क्योंकि इसके दुष्परिणाम सामने आते है । कुछ मॉ बाप बच्चों को अपने आदेश  से काम धंधा करवाते है । जिससे युवा अपने रूचि बाले काम धंधे न कर पाने से कुठित होकर हिसक प्रवृति के बन जाते है । उदाहरण के लिए हिटलर  अपने बच्चन मे चित्रकार बनना चाहता था पर  उसके मॉ बाप ने उसे नही बनने दिया । फिर बडा होकर हिटलर ने जो किया उसे दुनिया जानती है । विश्व युद्ध ।

आज की युवा पीढ़ी आलसी स्वभाव की है  जो शारीरिक श्रम के काम करना कम पसंद करती है । आराम के या दिमाग से काम करना अधिक पसंद करती है । जिसमे आज की शिक्षा का दोष है ।  कुछ युवा अपनी शिक्षा पूरी करने के उपरांत यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद  अपने जीवन का लक्ष्य बनाते है और  फिर कामकाज करना आरंभ करते है ।
और कुछ युवा एसे निठल्ले होते है जो कुछ भी काम धंधा नही करते और  अपने बाप की कमाई पर ही रंगरलियॉ  मनाते रहते है । एसे युवा अपनी शादी होने के कुछ दिन बाद ही लाइन पर  आते है एवं फिर  अॉखे खुलने पर ही काम धंधे का मार्ग अपनाते है । जो जादा सफल नही बन पाते । क्योंकि यह लोग बाढ  आने के बाद नदी पार करना शुरू करते है जिसमें बहने के चान्स जादा रहते है । पार लगने के बहूत कम ।

दुनिया मे कुछ लोग  एसे भी होते है जो मुफ्त मे कडी मेहनत का काम करना भी पसंद करते है ।
उदाहरण :  मुझे बाजार मे लोहे की दुकान पर  एक 70 साल का बूढा मिला जो मुफ्त मे लोहा उठाने का काम करता था । और वह  रिटायर्ड पुलिस अॉफीसर था जो समय पास करने और शरीर की कसरत के लिए यह काम करता था ।
सोना उठाने का काम होता तो भी ठीक था ' पर लोहे का काम ' और एक धन संपन पुलिस आधिकारी ' वह भी मुफ्त मे ' है न  अचरज की बात ' पर दुनिया मे पागलो की कमी नही है मित्रों  एक ढुडो हजार मिलते है ।

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समय रूकने के प्रमाण एवं चमत्कार ।

🚁 ⛅ 🚠 पोराणिक कथाओं मे एसे और भी प्रमाण मिलते है । जो सच है या झूठ यह तो हम नही कह सकते पर हम  अपने अनुसार समय की व्याख्या जरूर कर सकते है । जो हमे आभास होता है । जैसे  समय हम सभी इंसानों के कभी कभी अचरज मय  और चमत्कारी सा लगता है । जैसे कि सयम का हर छण नबीन होना ' कभी कभार समय का एक सेकिंड सदियों सा लगता है ' और कभी एक साल भी एक दिन के बराबर लगता है ।  इस पूरे वृहमाण्ड मे मनुष्य ही एक  एसा प्राणी है जो समय से पीडित है । बाकी सभी जीवो के लिए समय का कोई महत्व नही है ।
समय की हकीकत तो यह है '  समय' शब्द के अर्थ  से  उजागर हो रही है ' जैसे _ सम+ य = समय ा  याने कि समय  सम है ' स्थर है । न कही जाता है और न कही से आता है । स्थर रहते हुए ही इलेक्ट्रॉन की तरह गोल घुमता हुआ गतिशील पृतीत होता है ।
ओशो के अनुसार _ मनुष्य के जन्म मृत्यु के पार समय मापन का कोई उपाय नही होता है । समय स्केल आदमी के जन्म के साथ शुरू होता है एवं मृत्यु के साथ समाप्त । फिर भी  आसली समय हमेशा रहता है ।
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शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

दुकानों की बिक्री बढाने के तरीके ।

color">दुकानों की बिक्री बढाने के उपाय और भारी लाभ कमाए ।
सॉपिंग सेंटर के काउंटर पर सुंदर महिलाऔ को बैठी देखकर ' सॉपिंग करने ग्राहक अधिक आते है ।

सॉपिंग सर्बिस सेंटरो या दुकानों किसी भी सेबा व्वसाय को चलाने के लिए उस पर ग्राहको का आना बहुत जरूरी है । बाजार का हर दुकानदार यही चाहत है कि उसके सॉप पर अधिक से अधिक ग्राहक आए और उसकी सेबा या बस्तुए खरीदें ' जिससे वह अधिक लाभ कमाए । इस उद्देश्य को लेकर दुकानदार अपनी तरफ से हर वह तरीका अपनाते है ' जिससे उनकी ग्राहकी बढे और जादा माल बिके । बाजारों मे दुकाने दुल्हन की तरह सजी 'रंगीन लाइट मे झिलमिलाती रहती है । दूकानदार ग्राहको को आकृशित करने के बिभिन्न उपाय करते है । जैसे_ ग्राहको को बैठने की उत्तम गद्देदार व्यवस्था करना ' तो कोई अपने सॉप पर आने वाले हर ग्राहक को चाय पिलाता है ' कुछ कपडे आदि की दुकानों पर सामान के साथ कपडे के थेले मुफ्त मे दिये जाते है । पर इन उपायों से ग्राहको पर कोई बिशेष प्रभाव नही पडता इन उपायो को आम बात समझा जाता है । दुकानों पर ग्राहकों की संख्या मे बढोत्री करने के लिए कुछ खास उपायों करने की जरूरत होती है । जो नीचे दिए जा रहे है । ∆ दुकान पर ग्राहक की जरूरत का सभ सामान उपलब्ध होना चाहिए । ग्राहक खली निराश होकर नही लोटना चहिए । वरना वह फिर वह कभी दुकान पर नही आता है । ∆सेबा प्रदाताओ को ग्राहको के सुझावों के अनुसार अपनी सेबा को बेहतर बनाना चाहिए । ∆ ग्राहक लाने के लिए दुकानदार को कमीशन पर एजेंट रखना चाहिए । जिस तरह दिल्ली मुम्बई के बाजारों मे एजेंटों को ग्राहक लाने पर कमीशन दिया जाता है । ∆ अपने सॉपिंग सेंटर या सेबा संस्थान के मेन काउंटर पर सुन्दर महिलाओं को बिठाया जाना चाहिए । यह ग्राहको को लुभाने का बहुत ही कारगर उपाय है । ∆अपनी दुकान पर आने वाले हर ग्राहक से मधुर व्वहार करने के साथ ही उससे विनम्रता पूर्वक कहना चाहिए कि अगर आपको हमारी सेबा एवं हमारा व्वहार अच्छा लगा हो तो कृपया दो और लोगों से हमारे बारे मे जरूर कहना । ग्राहक बढाने का यह एक राम बॉण उपाय है । ∆दुकान के बाहर मनमोहक सुगंध फेलाना चाहिए । सुगंध के प्रभाव से देवत भी वशीभूत हो जाते है । फिर तो ग्राहक मनुष्य होता है वह इससे कैसे वच सकता है ।

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गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

खेतों मे प्लास्टिक कचरे का खतरा ।

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खेतों की मिट्टी मे प्लास्टिक पोलेथिन(पन्नी) से होने वाले नुक्सान का खतरा दिन प्रति बढता ही जा रहा है। खासकर गॉव शहरो के आसपास की जमीनों पर यह प्लास्टिक कच्डा बहुत तेजी से जमा हो रहा है । समय रहते इस कच्डे से जमीनों को बचाने के उपाय नही किए गए तो आने बाले समय मे आबादी के पास वाले खेतो मे फसलें उगाना असंभव हो जाएगा ।  क्योकि यह प्लास्टिक मिट्टी मे दबने पर बहुत सालो तक नष्ट नही होता  एवं पानी को मिट्टी मे रिसने से र रोकता है और जहाँ जहाँ मिट्टी मे प्लास्टिक पोलेथिने होती है ' वहाँ फसलो के पौधे अपनी जडे जमीन मे न जमा पाने के कारण सूख जाते है ।
अपने खेतो को प्लास्टिक कचडे से बचाने हेतु ' किसानों को निम्न  उपाय करना चाहिए । जैसे _
[1]  खेतों की सतह पर पाई जाने वाली पोलेथिन पन्नियो को  एक  एक करके बिनवाने के बाद संग्रह करके जला दे ' प्लास्टिक को जलाने पर भी इससे जहरीली गैसे निकलती है । पर  इसके अलावा  और कोई उपाय भी तो नही है ।
प्लास्टिक कच्डे का निपटारा करने के बाद ही किसानो को अपना खेत बखरना चाहिए जिससे प्लास्टिक जमीन मे ना दब पाए ।
[2]   खेतो मे खाद बीज कीटनाशक आदि का उपयोग करने के बाद  इनके खाली पेकिट खेत मे इधर  उधर नही छोडे । बल्कि इनहे एक जगह  इकटठा करके नष्ट करना चाहिए ।
[3]  खेतो मे प्लास्टिक कच्डा फेकने बालो पर नजर रखने के साथ ही उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।

[4]  खेतों मे प्लास्टिक बोरियो का उपयोग पानी रोकने के लिए होता है ' एवं टेरीकाट कपडे का उपयोग कागभगोडा बनाने के लिए किया जाता है । उपयोग के बाद  इनका निपटारा करना चाहिए । टेरीकॉट कपडे और प्लास्टिक बोरियॉ तो जमीन मे दबने पर दो चार फिट जमीन को खराब करते है ।

[5] अक्सर गॉवो मे यह पाया जाता है कि किसानों के घर की महिलाएँ ' पशू  मबेशियो की  सार बखरी का  गोवर  जिस कूडे के ढेर पर फेकती है ' वे उसी ढेर पर  अपने घर का कच्डा भी फेकती है जिसमे लगभग 50% प्लास्टिक कच्डा होता है । और फिर किसान इस कूडे के ढेर को अपने ट्रेकटर ट्राली मे भरकर खेतो मे डालते है । जिससे बहुत मात्रा मे प्लास्टिक खेतो मे पहुँचता है ।  जो खाद के रूप मे फायदा कम ' प्लास्टिक के कारण नुकसान जादा होता है ।
जबकि किसानों को एसा करना चाहिए कि  घर  का कूडा अलग फिकवाए । एवं  मवेशियो से पैदा होने बाला  गोवर घॉस भूसे का कच्डा  अलग ढेर पर डलवाए ' जिसका उपयोग खेतो मे खाद के रूप मे करें ।
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खेतों में प्लास्टिक कण्डे के खतरे से सावधान ।

शनिवार, 28 नवंबर 2015

ग्रामीण खेती मजदूरो की दशा।


कृषी प्रधान देश भारत मे किसान को ही अन्नदाता माना जाता है । एवं श्रम का सारा श्रेय किसान को ही दिया जाता है । जवकि आज वह जमाने नही रहे तव किसान खुद  अपने खेतो मे हल चलाते थे । कवि उन पर लिखते थे कि _ सूरज के उगने से पहले खाट छोड  उठ गया किसान ' और चला खेत पर करने काम - - -  ।
आज तो कृषी कार्य मशीन यंत्रों से होता है । बाकी का सारा कृषी काम मजदूर करते है । किसान तो जमीन का मालिक होता है और प्रबंधन करता है । जबकि खेती मजदूर ठंड ' गरमी ' धूप ' बरसात  मे भी खेतो मे काम करते है । रात मे भी खेतो की रखवाली वा पानी सिचाई जेसे काम भी करते है । खेतो मे जहरीली दवाओं का छिडकाव  और धान की फसल मे सुगंध के कारण सॉपो के होने पर भी यह मजदूर  अपनी जान की परवाह किए बिना खेतो मे खतरा होने पर भी काम करते है । क्योकि इनहे अपना परिवार  चलाना होता है । पर  इन पर किसी की नजर नही जाती  न कवि  न पत्रकार न सरकार  कोई इनहे नही देखते ' सिवाय  एक चमगीदण के जो इनके अंधेरे झोपडो मे भी देख लेता है ।

मध्य भारत के गॉवो मे रहने वाले भूमी हीन लोगो के पास  आय का साधन न होने के कारण यह लोग खेती मजदूरी पर ही   निर्भर रहते है । पर हर बडा जानवर छोट को खाता है ' इस नियम के तहत किसान  इन मजदूरो का शोषण करके अपना धर्म निभाते है । बर्तमान समय मे गॉवो मे कृषी कामगारो से दिन मे 10 घंटे काम लिया जाता है । और  एक दिन की मजदूरी का रेट 150 रू से200 तक देय है । भुगतान  अनाज बिकने पर किया जाता है '  एवं जव  अनाज का अच्छा भाव होता है तब  अनाज बैचा जाता है । और फिर मजदूरो का भुगतान होता है ।
एसी स्थति मे बेचारा  कृषी मजदूर कैसे जीता होगा । सरकार के पास  इसका जवाव है ' नरेगा '  पर नरेगा मॉ  टी वी और कगजो मे ही दिखती है । नरेगा का सारा काम मशीनो से होता है । बैक से पैसा किराए के मजदूरो दुवारा निकलवा लिया जाता है ।
अब ग्रामीण मजदूर के पास  एक ही रास्ता होता है की वह शहर मे जाकर काम करे ' पर इनमे से कुछ लोग  अपनी जन्म भूमी नही छोडना चाहते । अब  इनके पास  आखरी बिकल्प होता है कि यह मजदूर बैक से रिण लेकर  अपना स्वरोजगार करे । पर  इस  अस्त्र का प्रयोग  इनके बापो ने पहले ही कर लिया ' और  अभी चुकाया नही गया ' इस कारण बैक रिण नही देता । कृषि कामगारों के लिए विशेष  कर  सरकार की भी कोई एसी योजना नही है जिसके चलते इन कामगारो का विकाश हो सके ' अरे हॉ याद  आया  एक योजना है सरकार की  २ रू किलो अनाज मिलने बाली योजना ' जिसके सहारे यह लोग जीवित रह सकते है । क्योकि अगर यह लोग नही रहेगे तो कृषि काम के अलावा भवन पुल बॉध बनाने का काम कोन करेग ।  फिर तो ईट मिट्टी गारे का काम भी इंजीनियर  को ही करना पडेगा । पर  एसी नोवत नही आएगी क्योकि  इन मजदूरो के बच्चे है ना जो  भविश्य मे मजदूरी करने के लिए तैयार हो रहै है ' सरकारी स्कूलो मे पढ कर  ' गॉव के सरकारी स्कूलो मे मजदूरो के ही बच्चे जादा पढते है । वहॉ इन बच्चो को ज्ञान के नाम पर मध्यान भोजन के रूप मे अल्प  अहार ही मिलता है ।
इन गॉव के गरीब लोगो के बारे  मे जानकारी मिलती है कि  इनमे से अधिकाश  के बाप दादा परदादा भी हलवाहे या खेतीहल मजदूर का ही काम करते थे । और  अब  इनके बच्चे भी आगे मजदूरी ही करेगे । इनकी किसमत मे मजदूरी करना ही लिखा है । यह  इनका दुरभाग्य है ।
चमगीदण की नजर मे इनका आर्थिक विकास असंभव ही नही नामुमकिन है ।

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शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

सन कंट्रोल फिल्म 'कम लागत का व्यवसाय ।

सन कंट्रोल फिल्म _ यह कॉच पर चिपकाने वाली एक पोलेथिन होती है ।जो पोलिएस्टर फिल्म के नाम से भी जानी जाती है ।जिसका उपयोग शीशे पर  इंसुलेशन करने के लिए किया जाता है । इस पोलेथिन को कॉच पर चिपकाने से सूरज की धूप से बचाव  के अलावा और भी फाएदे होते है ।जैसे शीशा रंगीन दिखना ' एवं फिल्म लगे कॉच से गाडी के अंदर से बाहर तो देखा जा सकता है पर बाहर से भीतर नही देखा जा सकता है ' फिल्म बाले कॉच का टूटने का चान्स भी कम रहता है ।टी . वी. लेपटॉप 'कंप्यूटर  आदि की स्क्रीनो पर फिल्म चढाने से अॉखे खराब होने से बचती है । इस फिल्म का सबसे अधिक  उपयोग बस 'ट्रक' जीप 'कार  आदि मोटर बहनो की बिन्डो स्क्रीनो पर किया जाता है ।शीशे पर यह फिल्म लगाने के बाद यह 3से5साल तक चलती है ।

सन कंट्रोल फिल्म लगाने का काम वेरोजगार युवाऔ के लिए रोजगार का एक  अच्छा बिकल्प हो सकता है । इसे बिलकुल कम लागत मेहनत से शुरू किया जा सकता है । इस काम के लिए विशेष स्थान की भी आवश्यकता नही पडती युवा चाहे तो वह ग्राहको के पास जाकर भी यह काम कर सकता है ।और चाहे तो पार्ट टाइम या फुल टाइम भी कर सकता है । किसी दूशरे काम के साथ भी इस काम को किया जा सकता है जैसे पेंटिंग 'आदि ।
शहरो के अलावा स्टेट हाइवे या नेशनल हाइवे रोडो के किनारे पर  इस सेवा इकाई को स्थापित करना अधिक फायदेमंद हो सकता है । क्योकि मोटर गडियो के शीशो पर फिल्म लगाने का काम एसे स्थानो पर  अधिक मिल सकता है ।जिससे अच्छा लाभ कमाया जा साकता है।
पोलिएस्टर पोलेथिन खरीदने के लिए शहरो के बाजारो मे पोलेथिन की थोक दुकानो पर संपकृ किया जा सकता है । जहॉ यह फिल्म बहुत ही सस्ते रेट पर मिलती है लगभग 10 रू वर्गफिट के हिसाव से मिलती है ।

इस फिल्म को कॉच पर लगाने का काम दो तीन दिन की ट्रेनिंग से सीख सकता है ।अपने घर पर कॉच पर फिल्म लगाने का अभ्यास करने से ' जिसमे कुछ फिल्म तो बेकार जाएगा । पर फटाफट काम करने का तरीका मिल जाएगा । जिससे गाडीऔ बाले ग्राहको को काम कराने के लिए देर तक  इंतजार नही करना पडता ।
यह काम करने का बिलकुल सरल तरीका है । सबसे पहले स्प्रे से कॉच को धोया जाता है इसके बाद साफ कपडे से पोछा जाता है ' कॉच सूखने के बाद  इसके आकार की फिल्म काटकर साबधानी से कॉच पर चढा दी जाती । बस  इतनी सी कारीगरी है इस काम मे और  इसी के पैसे देता है ग्राहक ।
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रविवार, 22 नवंबर 2015

हर समस्या से लाभ उठाने का राज़ ।

थिंक एन्ड ग्रो रिच ' किताब के लेखक नेपोलियन हिल के अनुशार _ हर  समस्या अपने साथ  अपने बराबर या अपने से भी बडा अवशर साथ लाती है ।
लेखक की यह खोज मनुष्य के लिए एक बरदान है । यह  एक  एसी राज़ की बात है जिसका लाभ  उठाकर व्यक्ती सफल हो सकता है । व्यक्ति परेशानी के साथ  आने वाले अवसर को पहचानने की कलॉ  सीखकर  अपने ऊपर  आने बाली हर समस्या से लाभ  उठा सकता है । यह जादा कठिन नही है ' समस्या आने पर थोडी सी सूझ बूझ की जरूरत है ' बस । पहले  एक दो बार कठनाई पडती है ' इसके बाद तो चाबी हाथ लग जाती है । और फिर व्यक्ति परेशानी आने पर घबराता नही है । अपितु खुस होता है क्योकि वह परेशानी को नही बल्कि अवसर को देखता है और  उसका लाभ लेता है ।

हर समस्या मे छिपे हुए चॉन्स को खोजने के लिए ' हमे समस्या को बिपरीत  और साकार  आत्मक नजर से देखना होता है । तभी हम  अवसर को जान पाते है वा उसका लाभ  उठा पाते है । एवं  राह मे आने वाली कठिनाईऔ के रोडो को सीडी बनाकर जीवन मे आगे बढ पाते है ।

उदाहरण _ व्यक्ति का बीमार होना उसके लिए एक समस्या है । पर बीमारी के दोरान मिलने वाला ' फुरसत का समय  उसके  लिए एक  अवसर भी है । जिसका लाभ लेने के लिए व्यक्ति  इस समय मे एसे काम कर सकता है ' जिनहे भाग दोड भरे समय मे नही किया जा सकता है ।
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शनिवार, 21 नवंबर 2015

कपडा बेचने की एक सफल स्कीम ।

पिछले दिनो मुझे एक कपडा व्यपारी के बारे मे पता चला है ।  वह  एक स्कीम से कपडे बेचता है और भारी मुनाफा कमाता है ।
उस वयपारी की योजना कुछ  इस प्रकार है _ व्यपारी किसी कंपनी से घटिया किस्म के कपडे थोक मे सस्ते रेट पर खरीद कर लाता है ' जिनमे पेंट सर्ट' सडी ब्लाऊज ' और कुर्ती  सलवार के कपडे होते है ।इन कपडो को वह  अपने यहॉ लाकर  इनके फीस कटवाकर  तीन पृकार की आकृषक पेकिंग मे आलग  अलग मेच के अनुसार सेट तैयार करवाता है । एक सेट पेंट सर्ट के कपडो का दुशरा साडी व्लाउज का और तीसरे सेट मे कुर्ती सलवार के कपडे पेक होते है । यही कपडे परिधानो  मे सबसे अधिक पहने जाते है ।इसके बाद व्यापारी इन कपडो के पेकिंग सेटो के साथ  इनामी कूपन लगवाता है ' जो स्क्रेच करने बाला होता है जिसके उपर मोबाइल  आदि ईनाम छपे होते है । पर हर कूपन मे कपडो का ही एक सेट निकलता है । साडी के सेट के कुपन मे पेंट सर्ट और पेंट सर्ट  के सेट मे साडी व्लाउज य सलवार सूट का सेट निकलता है । यह व्यपारी अपनी बेन मे माल लेकर  अपने आठ दस सेल्स मेनो के साथ कपडे बेचने के लिए मुहल्लो ' कस्वो और गॉवो मे जाता है ।  वहॉ पर  इसके सेल्स मेन  अपने कंधो पर कपडो के सेटो से भरे बेग टाग कर  अलग  अलग गलियो मे जाकर  आवाजे लगाकर कपडे बेचते है ।और हर सेट मे इनाम निकलने की गेरंटी देते है । इनाम के लालच मे आकर वह स्त्रियॉ और पुरूस भी इनके कपडे खरीद लेते है जिनहे कपडो की जरुरत नही थी । और प्राय: 600 रू तो हर  आदमी की   जेव मे पडे ही रहते है {' जितनी इन कपडो की कीमत है }  इन पैसो को यह सेल्स मेन लोगो की जेव से स्कीम के तहत निकाल लेते हे । और जिन लोगो को एक जोड कपडो की भी जरूरत नही होती ' उनहे दो जोड कपडे बेच देते है । तो है न कमाल की स्कीम ।
इस तरह  इस व्यपारी का एक सेल्स मेन दिन मे 15 से 30 तक कपडे के सेट बेच लेता है । हर  एक सेट पर सेल्स मेनो को 50 रू का कमीशन मिलता है । जिससे यह लोग भी खूव कमा लेते है । अगर  एक सेट पर 50 रू कमीशन है तो व्यपारी को भी इतना ही प्राफिट  एक सेट पर जरूर मिलता होगा । इस हिसाव से दस लोग  एक दिन मे लगभग 200 सेट बेचते है जिन पर व्यपारी को 10000 रू का शुध लाभ होता है । और  इस चलती फिरती कपडे की दुकान मे तेजी से माल बिकने के कारण मुदृा भी स्थर नही होती ' एवं उधार  माल का पेमेंट भी जलदी चुकता हो जाता है । इस काम मे जादा झंझट भी नही है । न दुकान का किराया ना बिजली का बिल और न नोकर की सेलरी आदि कोई खर्च नही होत  इस तरह के काम मे । उपर से मुनाफा भी अधिक मिलता है ।
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शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

Money पाने का रहस्य जानिए ।


      कुछ पाने के लिए कुछ खोना पडता है ।

लोग पाना तो चाहते ' पर कुछ खोना नही चाहते । इस  उलटे नियम से कुछ पाना असंभव है ।
हर चीज को पाने के बदले मे कुछ न कुछ कीमत तो जरूर ही देना पडता है । जो मेहनत ' समय ' वस्तु आदि कुछ भी हो सकती है ।किसी भी व्यक्ति से कुछ पाने से पहले उसे कुछ देना पडता है । चाहे हम  अपनी बातो से उसे भरोष दे ' लोभ लालच दे ' या अपना समय दे  कुछ भी दे पर देना जरूर होगा । जब हमारे दुवारा दी जाने वाली चीज को सामने वाला व्यक्ति स्वीकार कर लेता है । तव हमारे लिए कुछ  आदान करने का मार्ग खुलता है । और तब हम पाने के अधिकारी होते है । अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम समने वाले से कुछ  आदान करे या न करे ।और हमारी छमता पर यह निर्भर करता है कि हम प्रदान से कम  आदान ले या प्रदान के बराबर  आदान ले या प्रदान से अधिक का आदान करें ।
इस  आदान प्रदान के विनियम मे हमे धन  अथवा कोई भी इछित वस्तु का आदान करने से पहले कुछ प्रदान करना जरूरी होता है ।
उदाहरण:  दुआपुर युग मे सुदामा नामक वृहाम्ण जव दुवारका के राजा कृष्ण के पास धन मागने गया था । तव सुदामा अपने साथ  एक चावल की पोटली कृष्ण को प्रदान करने के लिए ले गया था ।जिस भेट को कृष्ण ने स्वीकार किया था ।और बदले मे सुदामा को बहुत सारा धन दिया था ।

दुशरा उदाहरण: मे एक  एसे सज्जन को जानता हू । जिनका यह  उसूल है कि जब  उनहे किसी भी आदमी से कोई काम लेना होता है ' तब वे उस  आदमी को आदर से अपने घर पर बुलाकर  बेठाते है और स्वागत मे उसके सामने मिठाई की थाली पेस करते है ।एवं मिठाई खिलाने के बाद वे उससे कम की बात करते है । जिसमे वे सफल रहते है । उनके इस स्वागत को लगभग 70%  लोग स्वीकार कर लेते है ' और फिर मिठाई के दबाव मे आकर  इनका काम करने से इनकार नही कर पाते और काम कर देते है ।
कुछ लोग जो इन सज्जन से भी जादा चतुर होते है वे लोग 'डाविटीज' का बहाना बना कर मिठाई खाने से इनकार कर देते है ।और वह इनके दबाब मे नही आते एवं स्वतंत्र रहते है 'वे चाहे तो इनका काम करे या न करे ।

इस दुनियॉ मे प्रदान से बिना मागे मोती मिलते है । प्रदान के बिना मागने पर भीख भी नही मिलती है ।
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शनिवार, 7 नवंबर 2015

कर्ज मे डूबने से कैसे बचे ।

कर्ज 'दोस्त यार व रिस्तेदार या साहूकार या बैक का कर्ज चाहे किसी का भी हो ' कर्ज  कर्ज ही होता है । इस भूत से प्राया सभी डरते है । किसी से भी पूछो वह यही कहता है कि भाई कर्ज बहुत बुरा होता है । यह  इज्जत ' सुख चेन नीद सभी कुछ छीन लेता है ।और कर्ज की चिंता चिता के समान होती है । रिण मे डूबे लोगो का आर्थिक पतन हो जाता है । कुछ लोग तो करजा से छुटकारा पाने के लिए अपनी जान तक दे देते है । कुल मिलाकर कर्ज काल का रूप होता है ।
आखिर एसा कैसे होता है कि व्यक्ति कर्ज के मकडजाल मे फस कर  अपने जीवन को नर्क बना लेता है । इसकी शुरूवात कुछ  इस तरह होती है _व्यक्ति अपनी आय से अधिक धन  उधार लेकर खर्च कर देता है ।और चुकाने का समय  आने पर रिण चुकाने मे असमर्थ हो जाता है ।और फिर रिण चुकता करने मे टाल मटोल करता रहता है ' एवं रिण का रूपया मागने बालो से छिपता व दूर भागता रहता है ।यह सोचकर कि कुछ समय वाद यह लोग  उसका पीछा छोड देगे । और  उसे रिण नही देना पडेगा ।इस तरह रिण का ब्याज दिन प्रति बढता रहता है । और  अंत मे व्यक्ति को अपना घर 'मकान ' जमीन  आदि  बेचकर कर्ज का रूपया चुकाना ही पडता है । इस तरह व्यक्ति का पतन होता है
कर्ज मे डुबने से बचने के लिए व्यक्ति को निम्न साबधानियॉ रखनी चाहिए ।जैसे _
[1] सबसे पहले तो हर हाल मे व्यक्ति को रिण लेना ही नही चाहिए ।जहॉ तक संभव हो रूपये 'बस्तुए 'सेवाए उधार लेने से परहेज रखना चाहिए ।
[2]  जिस काम मे धन का लाभ हो एसे काम के लिए ही रिण लेना चाहिए । वह भी बगेर ब्याज के याबहुत कम ब्याज पर ' किस्त मे चुकाने के बादे के साथ ।
[3]  व्यक्ति को अपनी आय छमता से अधिक धन कर्ज  मे नही लेना चाहिए । यानि जितनी चादर हो उतने ही पैर लंबे करना चाहिए ।
[4] अनुचित रिण जैसे _अधिक ब्याज बाला रिण ' दुगना रिण ' काम  की बस्तू अमानत मे रखने के बदले रिण ' एक मुस्त चुकता करने बाला रिण  आदि  नही लेना चाहिए ।
[5]  एक रिण चुकता होने से पहले दूशरा रिण कभी नही लेना चाहिए ।

[6]  रिण देने की भावना हमेशा रखना चाहिए ।और नियम से हर महिने किस्त जमा करते रहना चाहिए । इस तरह रिण  आसानी से चुक जाता है ।

[7]  रिण होने पर व्यक्ति को जल्दी से जल्ली उसे चुकता करने का काम करना चाहिए

[8] कर्ज हजम करने का विचार नही करना चहिए । एसा करने पर बाद मे दुगना चोगना देना पडता है ।

[9] गलत लोगो जैसे गुनडे बदमाशो से कभी भी कर्ज नही लेना चाहिए ।इनका तो धंधा ही होता है लोगो को कर्ज मे फसाना ।
[10]  रिण लेते समय  आदमी को अपने उपर भरोशा हो कि वह  चुका सकता है । तभी लेना उचित है । एसा नही कि बाद का बाद मे सोचेगे । बाद मे सोचने बाले लोग ही कर्ज  मे डुबते है ।

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शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

बिजली का विकल्प सोलर पेनल ।

आज के इस  आधुनिक मशीन यंत्रो के युग मे आदमी का जीवन बहुत सुखमय है । पुराने समय की अपेछा आज  आदमी की श्रम शक्ती का बहुत कम  उपयोग होता है । सभी मेहनत के काम कृतिम  ऊर्जा से होते है ।जिसमे बिदयुत शक्ती का पहला स्थान है ।अगर 10 मिनिट के लिए भी बिजली चली जाती है  तो मानो व्यक्ति की जीवनचार्या रूक जाती है । यह भारत के शहरी क्षेत्रो की बात है ।पर ग्रामीण  इलाको मे तो महिनो बिजली का पता नही रहता एसी स्थती मे गामीण जनो के काम काज कैसे चलते होगे । और जब कभी बिजली रहती भी है तो बोल्टेज  अधिक होने से लोगो के बिदयुत यंत्र खराब हो जाते है ।और महिने मे लोगो को बिजली के बिल का भुगतान भी करना पडता है ।
सुर्य  ऊर्जा_सोलर पेनल का उपयोग व्यक्ति को बिजली की सारी झंझटो से मुक्ति दिलाता है । साथ ही बिजली के बिल से भी छुटकारा मिलता है । आज मोबाइल चार्ज करने से लेकर खेतो मे पंप चलाने के लिए भी सोलर पेनल  उपलब्ध है । 5_10 वाट के सोलर सेल से लेकर हजारो वाट के सोलर पेनल बाजार मे लिल रहे है । जो किफाइती होने के साथ ही क्इ साल तक के लिए टिकाऊ भी होते .है । कंपनियां 20_30 साल की गेरटी वारटी के साथ यह पेनल बेचती है ।और यह बास्तविक है कि अगर  इन सोलर पेनलो का सही रखरखाव व सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह 25_30 साल  आराम से चलते है । एक मध्यम घर परिवार के लिए 200 वाट का सोलर पेनल पर्याप्त होता है । जिसकी कीमत बाजार मे 7_8 हजार रू के लगभग होती है ।
सोलर पेनल का उपयोग खरना भी बडा आसान होता है ' इसमे करंट लगने का भी कोइ खतरा नही होता और  ना वोल्टेज बढने घटने से यंत्रो के खराव होने का डर रहता है । वल्कि सोलर पेनल से टीवी चलाने पर 'टीवी की पिक्चर क्वाल्टी भी साफ दिखती है । पर यह सोलर पेनल सुरज की धूप से करंट बनाते है  'जो बादल होने पर या बारिश होने पर  और रात मे काम नही करते ' इसलिए इसके साथ चार्जिगं बेटरी रखना जरुरी होता है । और यह सोलर पेनल धूप से a/c करंट बनाते है जिसे  d/c मे बदलने के लिए अल्टीनेटर यंत्र भी रखना पडता है । पर  एक बार सोलर सिस्टम सेट होने के बाद फिर सालो तक  इसके उपयोग मे कोई परेशानी नही आती है ।एवं घर की छत पर सोलर पलेट लगा होने से घर की शान भी बढती है ।

मित्रों मे किसी सोलर पेनल कंपनी का प्रचार नही कर रहा हू ।अपितु लोगो को सूरज की ऊर्जा का उपयोग करने का एक सरल  और सस्ता रास्ता सुझा रहा हू ।जिसे मे खुद भी अपना रहा हू ।और जिससे संतुष्ट भी हू ।सोलर पेनल के उपयोग से धन की बचत तो होती ही है ।काम मे भी रूकाबट नही आती है । पहले मे भी बिजली को लेकर बहुत परेशान रहता था । पर जबसे मैने सोलर पलेट का स्तमाल किया है । तबसे आब शुकुन मे हू । मेने अपने घर का बिजली का कनेक्शन भी कटवा दिया है । आज मेरे घर मे बिजली से होने वाले सभी काम सोलर पावर से हो रहे है ।


शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

पैसा 'पैसे को खीचता है ।

मित्रो कुछ समान गुणो वाली वस्तुए आपस मे एक दूशरी वस्तू को खीचती है ।जिनमे से एक वस्तू पैसा भी है ।  आपने यह मुहाबरा तो सुना ही होगा कि -पैसा 'पैसे को खीचता है । हकीकत मे भी यह बात बिलकुल सच है । आइए कुछ  उदाहरणो से समझे की पैसा पैसे को कैसे खीचता है ।
पहला उदाहरण _रेल्वे स्टेशन पर मैने एक भिखारी को देखा 'उसके हाथ मे तीन रूपये थे और वह लोगो से कह रहा था '  बाबुजी मुझे चाय पीना है  पर मेरे पास केवल यह तीन रूपये है आप मुझे दो रूपये दे दीजिए । तो लोग  उसे दो रूपये दे देते थे । पर वह भिखारी उन दो रूपये को अलग रख लेता था 'और फिर किसी नये आदमी के पास जाकर उसे तीन रूपये दिखाकर यही बात कहता जिससे उसे फिर दो रूपये मिल जाते थे ' और किसी -किसी आदमी के पास छुटटा ना होने पर वह लोग  उसे पॉच रूपये भी देते थे । इस तरह वह भिखारी पैसे 'से पैसे को खीच रहा था ।
दूशरा उदाहरण _ जुआ 'सटटा ' लॉटरी आदी जैसे अवेध कामो मे भी पैसे को दाव पर लगाकर पैसा खीचा जाता है । जिस तरफ  आकृशण बल  अधिक होता है  पैसा उस तरफ खिच जाता है ।
तीशरा उदाहरण _ एक मदारी बाजार मे तमाशा दिखा रहा था । उसने एक चादर बिछा रखी थी  जिस पर दो सौ सौ के नोट पडे थे । और वह  आवाज लगा रहा था -साहवानो आइए देखिए रूपये का तमासा रूपया 'रूपये को खीचेगा । यह सुनकर कुछ लोग तमाशावाज के पास  आए और  खेल देखने के लिए  चादर पर  10_20 के नोट डालने लगे 'यह लोग मदारी के ही आदमी थे ' जिनहे देखकर  और भी लोग चादर पर नोट डालने लगे ' कुछ ही देर मे लोगो की भीड लग गई  और मदारी की चादर पर भी नोटो का ढेर लग गया । तब खेल देखने वालो मे से किसी ने कहा  मदारी से कि भाई देर हो गई अब तमाशा तो दिखाओ 'ज़रा हम भी तो देखे कि रूपया रूपये को कैसे खीचता है । इस पर मदारी ने जवाव दिया ' यह देखो ना इन दो नोटो ने कितने नोट खीच लिए ढेर लग गया ' अरे यही तो तमाशा था । देखने बालो ने भी कहा की बात तो ठीक ही कह रहा है भाई । फिर मदारी ने कहा सब लोग देख लो  बाद मे मत कहना की हमने नही देखा 'यह कहते हुए मदारी ने नोटो सहित  अपनी चादर समेटी और चलता बना ।
चौथा उदाहरण _एक बार  एक मुहल्ले के लोग कोई सार्वजनिक कार्य  कर रहे थे । जिसके लिए उनहे बीस हजार रूपयो की जरूरत थी । रूपया चंदे से इकटठा करना था । और चंदा देने वाले बीस लोग तैयार भी थे । पर सवाल यह था कि पहले चंदे का रूपया कोन दे 'सब लोग यही कह रहे थे कि और लोग तो चंदा दे 'हम भी दे देगे ।इस तरह बैठक ही खत्म हो गई पर किसी ने चंदा नही दिया ।
दूशरे दिन फिर बैठक लगी जिसमे चंदा देने बालो मे से चार लोग नही आए थे बाकी सब लोग बैठक मे उपस्थित थे । आज चंदा इक्टठा करने बाले मुखिया ने कहा कि जो चार लोग नही आए है उन लोगो ने मेरे पास चंदे के रुपये जमा कर दिए है यह कहते हुए उसने अपनी जेव से चार पॉच हजार रूपये निकालकर लोगो के सामने रख दिए । और फिर कहा कि अब  आप लोग भी अपने हिस्से का रूपया जमा करे । यह देख कर  और लोगो ने भी अपने  अपने हिस्से के हजार हजार रूपये मुखिया के पास जमा कर दिए । और काम की रूप रेखा वा काम तय हो गया ।
जवकी सच्चाई यह थी कि अभी वाकी चार लोगो को कुछ पता ही नही था और नाही उनके रूपये जमा हुए थे ' यह तो लोगो से रूपये लेने की एक तरकीब थी जो सफल रही ।
उपरोक्त  उदाहरणो से सिद्ध होता है कि वास्तब मे पैसा 'पैसे को खीचता है ।
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मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015

दुनियाँ के सबसे अमीर 3 आदमी ।

दुनियॉ के सबसे अमीर लोगो से ज्यादा कौन जानता है कि धन कैसे कमाया जाता है और दोलत कैसे जोडी जाती है ।मित्रो अगर आप दुनियॉ  के अमीर लोगो की लिस्ट देखे तो आप पाएगे की उसमे सबसे जादा व्यक्ति उधोगपति मिलेगे इससे यह स्पस्ट होता है कि अमीर होने के लिए उधोग लगाना सबसे उचित है ।खेर ।
मित्रो मेने आज तक के संसार के सबसे अमीर लोगो मे से केवल तीन लोग चुने है ' राजा मनसा मुसा ' बिल गेटस'और मुकेश अंबानी 'आइए इनके बारे मे जाने ।
[1] राजा मनसा मूसा _आज तक के मानव इतिहास मे दुनियॉ का सबसे अमीर आदमी राजा मनसा मूसा माली को माना जाता है । जो अफ्रीका  का था ।और टिम्बकटू का राजा था' यह सन 1300 की बात है एक वेबसाइट की रिपोट के अनुशार सन 1331 मे मनसा मूसा की मृत्यू के समय उसके पास 400 विलियन डॉलर की संपत्ती थी ।जिसकी कीमत आज के हिसाब से लगभग १०००००००००००००.एक नील के बराबर होगी ' यानी जितने कीआदमी  के सिर के बाल ' आदमी गिनते गिनते पागल हो जाए ।इतिहास के मुताबिक उस समय राजा मनसा मूसा माली के राज्य मे संसार का सबसे अधिक सोना निर्मित होता था ।
[2] बिल गेटस _आज बर्तमान समय मे अमेरिका के विलियन हेनरी गेटस को दुनियॉ का सबसे अमीर अमीर आदमी माना जा रहा है ।आकडो के अनुशार आज गेटस के पास 80 अरब डॉलर के लगभग दोलत है ।बिल गेटस का जन्म 1955 मे हुआ था बिल गेटस ने 13 साल की आयू  मे पहली गेम बना ली थी 'जो दुनियॉ मे बहुत प्रशिध हुई थी ।उनका दिमाग बच्पन से ही बहुत तेज चलता है 'आज बिल गेटस कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सबसे मानी हुई कंपनी माइक्रोसॉपट के {C E O} संस्थापक है ।
[3] मुकेश अंबानी _धीरू भाई अंबानी और अंबानी ग्रुप को सभी जानते है ' रिलाइनस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी को आज इंडिया का सबसे बडा अमीर आदमी माना जा रहा है ।इनके पास 18 विलियन डॉलर के लगभग संपत्ती है ।2014 मे एक चीनी फार्म की रिपोट के अनुशार  मुकेश अंबानी दुनियॉ के सबसे अमीर लोगो की लिस्ट मे 41 वे स्थान पर है ।
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रविवार, 25 अक्तूबर 2015

धनी बनने का 100% सफल सूत्र ।

संसार मे कुछ लोगो के जीवन का लक्ष्य केवल  अमीर बनना ही होता है । वे अपना जीवन धन कमाने के उद्देश्य से ही जीते है ।और वह हमेशा अपना धन बढाने की चाह रखते है । एसे लोगो मे से कुछ लोग  अपने जीवन मे एक नियम का पालन करते है ' जिसके पृभाव से वह  अपना आर्थिक बिकास करने मे सौ पृतिशत सफल होते है ।
वह नियम यह है 'कि यह लोग  प्रतिदिन सुवह से ही कमाने मे जुट जाते है ' और  अपने व परिवार के देनिक खर्च  से कुछ  अधिक रूपये कमाने के बाद ही यह लोग भोजन करते है ।  इससे पहले यह लोग  अपना एक पैसा भी खर्च  नही करते है ।  यह  इनका रोज का नियम होता है । यह लोग हर दिन  अपने धन की संख्या मे बढोत्री करने के बाद ही चेन लेते है ।
अब आप बताइए की एसे लोगो को आमीर बनने से कोन रोक सकता है 'इनका आमीर बनना तय है ।
उदाहरण के लिए _मेरे एक मित्र है 'वह  एक  अच्छे व्यपारी है 'उनका यही उसूल है ।और यह  उसूल  उनके दादा परदादा से चला आ रहा है । उनके पास भी खूब धन दोलत है । पर  उनके पास समय बिलकुल भी नही है । आगर  उनका बस चले तो वह रात मे भी सोने के वजह  काम करना या कमाना  पसंद करते है । धन कमाना ही जिन लोगो का  जीवन है ।
उनके पास पेसा ही पैसा है ।
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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

खेती को लाभ का धंधा बनाए 'उत्तम खेती ।

भारत  एक कृषी प्रधान देश है और कृषी देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है ।भारत का अधिकंश जनसमुदाय गॉवो मे वास करता है ।जिनका  प्रमुख व्यवसाय कृषी है । पर भारत के गॉवो मे किसानो की आर्थिक स्थति का अवलोकन करने से पता चलता है की आज  उनकी स्थति अच्छी नही है । 75%किसान कर्ज मे डूवे है । एक जमाना  था जव काका  हथरसी ने कहा था 'उत्तम खेती  मध्यम व्यपार 'पर  आज खेती निचले स्तर पर है ।
खेती को आज भी उत्तम लाभ का धंधा वनाया जा सकता है । खेती से अधिक मुनाफा कमाने हेतू किसान को निम्न  उपाय  अपनाने चाहिए ।
[1]  सवसे पहले किसान को खेती की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए जैसे किसान बाजार से महगे बीज खरीदकर बोने के स्थान पर  अपना स्यम का बीज तैयार करे ।बीज बनाने का प्रशिक्षण कृषी विज्ञान केंदृ से लिया जा सकता है ' यह केंदृ हर जिला स्तर पर स्थापित हैं ।जहाँ से किसान बीज बनाने की तकनीक सीख कर  अपना खुद का बीज बनाकर बोनी करे ।
[2] खाद 'ओर्वरक -खाद भी किसान स्यम वना कर खेतो मे डाले ।जिसमे  गोवर की खाद 'पत्तियो की खाद ' आदि किसान खुद बना सकते है ।इसके अलावा चूलहे की राख खाद के रूप मे एक  उत्तम बिकल्प है ।वेज्ञानिको और कृषी विशेषज्ञो के अनुशार राख मे 13प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है ।और पोधो को कुल 16प्रकार के पोषक तत्वो की आवश्यकता होती हैँ ।जिसमे 3 पोषक तत्व पोधो को कुदरत से मिलते है 'हवा 'पानी और धूप 'यानी राख पोधो का संपूण  पोषण कर सकती है ।
[3] किसान खेती के साथ खेती के सहायक  उधम स्थापित करें ।जैसे -बागवानी 'सवजी उत्पादन 'पशूपालन  आदि ।यह  उधम खेती के साथ बहुत कम लागत मेहनत के किये जा सकते है 'यह  उधम खेती के वरावर ही मुनाफा देने वाले है । दुधारू पशूपालन दुनिया का एकमात्र  एसा व्यवसाय है । जिसमे मुफ्त के घास फूस से प्रोडक्ट {दूध} तैयार होता है ।वह भी दिन मे दो वार सुवह  और शाम ' इसकी मार्केटिग भी आसान है । घर से ही बिक जाता है ।
वही सवजी उत्पादन भी रोजाना आय देने वाला व्यवसाय है ।
वागवानी -वागवानी मे कृषक  अपने खेत की मेडो पर नीवू 'आवला ' अमरूद' आदि जैसे पेड के पौधो का रोपड करें । जिससे किसान को कुछ ही साल मे प्रति एक पेड से लगभग 1000रू की आय होगी ।अगर किसान के खेत की मेड पर  एसे सौ पेड हो तो एक लाख रूपये की आय हर बर्ष होगी ।
[4]  अनाजो के भाव का पूर्व अनूमान लगाना । अक्शर किसान खेत मे फसल बोने के ममले मे भेड चाल मे चलता है ।वह खेत मे वही फसल बोना पसंद करता है जिसे जाद से जादा किसान बो रहे होते है या जिस  अनाज का बर्तमान मे जादा भाव होता है ।किसान  उसी अनाज बीज को बोने का चयन करता है ।इसका परिणाम यह होता है कि एसी अनाज का बीज भी मेहगा मिलता है ।और  एक ही चीज  अधिक किसानो दुआरा बोने पर 'उसकी पेदावार  अधिक होती है 'जिससे उस  अनाज की माग घट जाती है 'और माग घटने पर  उसका भाव भी गिर जाता है ।और  एसा करने वाले किसान हमेशा घाटे मे ही रहते है ।
खेती से आधिक लाभ पाने हेतू किसान को चाहिए कि वह कोन सी फसल बोए जो फसल  आने पर मेहगे भाव विके । इसके लिए वह पिछले सीजन मे 'अनाजो की देश मे कुल पेदावर के आकडे' देश मे अनाजो की कुल जरूरत 'देश मे स्टाक'अनाजो का आयात निर्यात 'आदि सब के आकडे इकट्ठा करके यह परिणाम निकाले की आने वाले साल मे किस  अनाज की कमी आने की संभावना है ।और  आने वाले समय मे जिसकी अधिक माग होगी ।तव भाव निश्चित ही बढेगा । किसान को यह सब निश्चित करने के वाद ही फमल बोने का चयन करना चाहिए । तभी वह खेती से अधिक लाभ  उठा सकेगा ।
[5] शासकिय कृषी विभाग की सेबाओ का पूरा लाभ  उठाए ।खेती से संबंधित हर पृकार की जानकारी लेने के लिए । कृषि हेल्प लाइन नं_09584700750.पर बात करें ।या किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नं_ 18001801551.पर कॉल लगा कर खेतीबाडी की जानकारी ले ।
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सोमवार, 19 अक्तूबर 2015

घर बैठे कमाए महिलाए ।

आज हमारे समाज मे व्यक्ति के उपयोग मे आने बाली वस्तूओ मे सबसे जायादा वस्तूए 'धातू और प्लास्टिक की पाई जाती है ।जैसे -इलेक्टानिक सामान 'बच्चो के खिलोने 'वाहन 'बर्तन' डिब्बे आदि जव यह वस्तुए अनउपयोगी हो जाती है ।तो घर के बच्चे य महिलाए इन टूटी -फूटी या बेकार धातू और प्लास्टिक की  चीजो को कूडे मे फेक देते है'या फिर फेरी बाले कबाडी को मिटटी के मोल बेच देते है ।
पर क्य  आपने कभी यह सोचा है । कि अनउपयोगी होने के बाद भी धातू और रवर की चीजे अब भी 50%  कीमत की होती  है ।
और इलेक्द्रानिक सामानो  मैं महगी धातुए  ताँबा (कापर) आदि  होता है । और कापर 1000रू  किलो के लगभग   बिकता है । 
घरेलू महिलाए घर के वेस्टेज कबाड से रूपये बनाने का काम आसानी से कर सकती हैं । और इससे वह हर माह 1000रू के लगभग हर माह कमा सकती है । छोटा ही सही इसे अपनी आय का सधन बना सकती हैं ।
इसके लिए महिलायो को सबसे पहले २कूडेदान के डिब्बे तैयार करना होगा' जिनमे से एक के उपर  "धातू का कचडा " और दूशरे के उपर "प्लास्टिक का कचडा "लिखकर ।  इन दोनो डिब्बो को घर के पिछवाडे या किसी कोने में रख दे ।और धातुओ व प्लास्टिक का खराब सामान फेरी वाले कबाडी को कभी न बेचे और न ही बच्चो को बेचने दे ।वल्कि इसे इन कूडेदानो मे संगृह करते रहे । जव भी घर मे कोइ एसी वस्तू टूट -फूट जाए या वेकार हो जाए 'तब आप उसे तुरंत ही इन डिब्बो मे डाले और छोटी से छोटी वस्तुए व उनके तुकडे भी इन कूडेदानो मे जरूर डालते रहे ।
और महिने दो महिने मे इन डिब्बो मे डबाड इकटठा होने पर 'इसे बोरो मे भर कर बाजार मे कबाड  की बडी दुकान पर ले जाकर बेचे ।वहाँ आपका कबाडा किलो के हिसाब से तुलकर सही कीमत पर बिकेगा ।जिससे आपके हाथ मे कुछ रूपये जरूर आएगे ।
घर के वेस्टेज सामान को बाजार मे बेचने मे संकोच न करे । या एसा न समझे की बाजार मे लोग हमे कबाड बेचते हुए देखेगे तो हमारी इनसलट होगी । आजी पैसे बनाने मे किस बात की शर्म 'करना ।लोग तो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है ।आपने टीवी पर कम कपडो मे महिलाए जरूर देखी होगी । हम तो केवल अपने घर का कबाड ही बेच रहे है। 
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शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

अमीर बनने का मूल-मंत्र "एक संतान " है ।

एक समय था जव परिवार के विषय मे कहा जाता था ।हम दो हमरे दो' छोटा परिवार सुखी परिवार 'आदि ।पर मित्रो अब समय के साथ यह परिभाषाए भी बदल गई है ।हम दो हमारा एक 'की नीति ही सही है ।और  अब छोटा परिवार धन का आधार माना जाने लगा है ।वेज्ञानिक' विचारक व समज शास्त्रीयो के मुताविक  'आज छोटा परिवार भविष्य के धनी परिवार की नीव तैयार करता है ।एवं वह देश व समाज के आर्थिक विकाश मे भी सहायक शाबित होता है ।

मित्रो हम  अपने समाज मे परिवारो व व्यक्तियो को देखते है ।तो पाते है  कि वहुत कम लगभग20% व्यक्ति या परिवार ही एसे होते है'जो अपने जीवन की सबसे बडी पहली गलती नही करते' वे समय पर जगरूक रहते है ।वे अपने यहँ एक सतान होने के बाद परिवार नियोजन करा लेते है ।एव  अपना और  अपने बच्चे का जीवन सुखमय बना लेते है ।

कुछ समय पहले लंदन के वेज्ञानिको ने 14 हजार परिवारो का अध्यन किया था ।और  उस शोध रिपोट मे लंदन के वेज्ञानिको ने इस बात का दावा किया था । कि छोटा परिवार  अमीरी की राह तैयार करता है ।
रिपोट मे यह भी कहा गया है 'कि उदधोगिक रूप से विकशित समाज मे कम बच्चे होते है । इसका  प्रभाव यह होता है कि उनहे विरासत मे निवेश के लिए अधिक संपत्ती मिलती है । जिसका असर  आर्थिक सफलता मे दिखाई देता है ।
इस सोध के दोरान  वेज्ञानिको ने बडे पेमाने पर परिवारो का अध्यन किया था । अध्यन मे पया गया कि छोटे परिवार संमृध होते है । इन परिवार के बच्चो ने स्कूल मे अच्छा  परदर्शन भी किया था । और  इन परिवारो का जीवन स्तर भी समाज मे ऊचा था ।
जय शुभ लाभ ।
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मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

सूत्र _जहाँ एकता होती है'वहाँ संपत्ती होती है ।

जहाँ सुमति तहाँ संपति नाना ।


मित्रों  महाँ कवी तुलसी की कविता की उपरोक्त  पंक्ती बिलकुल सोला आने सच है ।

क्योकि  मित्रो एकता का चमत्कार मेने खुद  अपनी आँख से देखा है ।आज से लगभग दस साल पहले मेरे गाँव मे एक गरीव परिवार रहता था  जिसमे सभी  बडे छोटे कुल वारह सदस्य  थे ।उस समय वे बहुत ही गरीब थे । धन दोलत के नाम पर  उनके पास  एक झोपडा और दो एकड जमीन मात्र  थी । पिछले महिने जब मे इस परिवार से मिला 'उनके घर गया था ।एक काम से 'वहाँ मेने उनका पक्का मकान 'कार टेक्टर 'आदी सुख सुविधा देखकर में अचरज मे पड गया । बातचीत के दोरान  उनहोने मुझे बताया की हमने छह  एकड जमीन  और खरीद ली है 'और  उनके पास  अब  आठ  एकड जमीन है ।यह सब देख सुन कर में विचार करने पर मजबूर हो गया की आखिर यह सब चमत्कार हुआ केसे ।मित्रों  एक सप्ताह मे मेने आखिर  इस रहस्य का पता लगा ही लिया ।मित्रों  इस परिवार मे एक  उसूल बना है ।जिसके पालन से यह परिवार  आज  आथृक विकास कर रहा है । 
वह  उसूल कुछ  एसा है । कि  इस परिवार के लोग रोजाना रात के भोजन के बाद' सभी व्यस्क सदस्य  एक साथ बेठते है 'और काम धंधे की बाते करते है 'महिलाओ सहित सभी सदस्यो को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाता है । एव  आपस मे सलाह मश्विरा के बाद सभी की सहमती से 'अगले दिन के काम की रूप रेखा वा योजना वनाई जाती है ।याहाँ तक की रात मे ही सबकुछ तय हो जाता है 'की सुवह किस सदस्य को क्या  काम करना है ' किसको कहाँ जाना है ।आदि सबकुछ फिक्स होने के बाद ही यह लोग रात को सोते है ।यह  इनका रोज का नियम है ।
मित्रों इस परिवार की  खुशहाली एवं संपंनता का यही एक राज़ है । यहाँ एकता हैं ।
मित्रों अब हम  एकता की शक्ती वा चमत्कार को  दूशरे उदाहरण से समझेगे । आपने 'बहू लक्ष्मी ' नामक  कहानी तो सुनी या पढी ही होगी मदि नही तो संछेप्त मे कहानी कुछ  इस पृकार है _एक परिवार मे सात भाई है ।आभी बडे भाई की ही शादी हुई  है ।बाकी सभी क्वारे है माँ बाप चल बसे है ।सभी भाईयो का घर सामान  आदि का बटबारा हो गया है ।सभी अलग -अलग कोठरियो मे रहते है 'सभी के अलग -अलग  चूलहे 'पानी के मटके आदि सभी अलग है ।सभी भाई न्यारे न्यारे पडोसियो के समान रहते है ।और सातो भाई एक सेठ के याहँ मजदूरी करते है ।सेठ से अफने महनताने के बदले मे एक किलो चने लेते है । और सुवह शाम  आधा आधा किलो चने भून कर खाते है यह  इनका रोजका नियम है ।
जव पहली बार बडे भाई की बहू इस घर मे आती है । तो इस घर के लोगो का रहन सयन खान -पान देखकर  हेरान होती है ।और वह  इस घर परिवार की स्थति सुधारने का निश्चय करती है ।दुशरे दिन जब सब भाई  काम पर चले जाते है । तब वह सब चूलहे मटके आदि फोड कर फेक देती है 'और बाकी गेर जरूरी सामान बाँध कर रख देती है । साफ सफाई  के बाद सारे घर को लीप पोत देती है । और पडोस से चने के बदले मे  गेहू का आटा 'दाल 'नमक 'मिरची आदि सामान लाकर बढिया भोजन बनाकर रख देती है ।जब सातो भाई शाम को घर बापस  आकर देखते है 'की चूलहे मटके गायब है । इस बात से वे गुसासा करते है ।पर भाभी के समझाने व बढिया भोजन करने के बाद सब खुश होते है । तीशरे दिन बहू सातो भाईयो से कहती है की आज से तुम  अपने सेठ से काम के बदले मे रूपये लाया करो । अब सभी उसकी बात मान कर चलने लगे ।और बहू ने अपने तरीके से घर चलाना आरंभ कर दिया ।और देखते ही देखते यह घर परिवार खुशहाल हो गया । एसी थी बहू लक्ष्मी ।
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शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

मात्र 15 दिन मे 1करोड 41लाख रूपये कमाए । इस स्कीम से ।

मित्रो अगर  आप जल्दी अमीर बनना चाहते है ।तो मे आपके लिये लाया हू 'यह दुनिया की सबसे वेस्ट स्कीम 'जिसके उफयोग से आप तेजी से पेसा कमा सकते है । बहुत कम लागत  और कम समय मे 'मित्रो मेने बहुत खोज की पर मुझे इससे  बढिया और कोई स्कीम नही मिली आज तक ।
तो मित्रो अब  आप समझने की कोशिस करे । स्कीम कुछ  इस पृकार है _आप कोई  एसा छोटा  विजनस 'उधोग 'धंधा  'मशीन ' दुकान  आदि शुरू करे । जिससे आपको हर  एक सेकिंड मे मात्र 2पैसे  का लाभ मिले  । और याद रहे यह कृम हर दिन लगातार वारह घंटे चलना चहिए । जिससे आप हर दिन 864  रुपये का लाभ पाएगे । आब  इस लाभ राशी को आप पूरी की पूरी अपने विजनस मे लगा दे 'और दूशरे दिन  अपना धंधा डवल कर दे 'जिससे आप दूशरे दिन 1728 रूपये का लाभ पाएगे ।अब  आप फिर  इस लाभ राशी को धंधे मे ही लगा दे और तीशरे दिन धंधा फिर डवल कर दे । आज  आप 3456 रू का लाभ  पाएगे । एसा आप हर रोज लगातार 15 दिन करके देखिए । मित्रो आप यकीन नही मानेगे 'इस तकनीक से आप 15वे दिन शाम को 14155776. रू.यानी  एक करोड 'इक्तालीस लाख ' पच्पन हजार 'सात  सौ छियत्तर   रूपये के लगभग पाएगे । मित्रो स्कीम को समझकर  आप खुद भी केलकूलेशन कर के देख सकते है ।
बस  आज  इतना ही ।जय शुभ लाभ ।
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शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

सबसे कीमती वस्तुएं ।

दोस्तो  धन को ही सबकुछ या सबसे कीमती न समझे धन तो सुख पाने का साधन है । पर धन ही सबकुछ नही है ।मगर  आज की दुनिया मे हर कोई धन के पीछे भाग रहा है ।और लोग धन को ही सबसे ऊचा स्थान देते है 'आपने अक्सर लोगो के मुह से यह सुना होगा _भैया पैसा हे तो सबकुछ है ।पर  एसा नही है मित्रो  कुछ चीजे इस संसार मे धन से भी जादा कीमती है या अनमोल है ।
समय _
समय बडा अनमोल है ।क्योकि समय का एक सेकिड भी चला जाने के बाद'हम  उसे किसी भी कीमत पर बापस नही पा सकते है ।जबकि लाखो रुपये खोने के बाद भी हम  उनहे फिर कमा सकते है ।केवल  ईसी कारण समय किमती है ।
स्वास्थ शरीर _
हमे अपने शरीर के विषय मे डॉक्टर कह दे 'की आपको कोई  बडा रोग है और जलदी उपचार नही हुआ तो आप मर सकते है ।तब हम  अपना शरीर बचाने के लिए कितना भी पेसा लगाने को तैयार हो जाते है ।और कहते है 'भैया जान है तो जहान है 'जिनदा रहेगे तो पैसा तो फिर भी कमा लेगे ।
आदमी_
हमे वास्तव मे रुपयो से अधिक कीमत लोगो की करनी चाहिए ।ब्यक्ती धन से अधिक  कीमती होता है । कुछ समय पसले दुनिया के एक सबसे अमीर  आदमी ने पत्रकार से बतचीत मे कहा था 'आदमी ही मनी को बनाता है 'पर मनी आदमी को नही बना सकती ।
रिस्ते -नाते _
संबंध रिस्ते नाते पैसे से नही खरीदे जाते है आदमी को स्यम बनाना पडता है ।
ज्ञान_
मित्रो नॉलेज मनी से भी बहुत कीमती वस्तू है ।उदा: जेसे आपके पास सौ रुपये है 'तो आप  उनका एक ही बार स्तमाल कर सकते है ।आपने सौ रु.का सामान ले लिया खत्म हो गए सौ रूपये ।
पर  आगर  आपके पास कोई जानकारी है  तो आप  उसका उपयोग हजार लाख बार भी कर सकते है । और  आप वह जनकारी हजारो लाखो लोगो को दे भी सकते है । और फिर भी वह जानकारी खत्म नही होगी । यही ज्ञान की खूबी है ।      मैने कही लिखा  देखा था _कि जनकारी ही पैसा है । यकीनन यह भी बिलकुल सही बात है ।

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गुरुवार, 8 अक्तूबर 2015

सॉपिंग में स्माट बने'और पैसे बचाए। {खरीददारी}

मित्रो हमारी आय का बहुत बडा हिस्सा बस्तुओ की खरीद पर व्याय होता है ।जैसे _खादय समान 'कपडे 'बतृन' वाहन 'आदि और न जाने क्या -क्या ।आज हमारी हर छोटी बडी जरूरत का सामान बाजार मे उपलब्ध है। जब हमे जिस वस्तू की जरूरत होती है 'हम  उस वस्तू को तुरंत बाजार से खरीद लाते है ।और  उसका उपयोग करने के बाद  अगले दिन  उस वस्तू को भूल जाते है ।क्योकि वह वस्तू दूसरे दिन हमारी नजर मे पुरानी हो जाती है ।
पर क्या आपने कभी यह  आकलन किया है ।कि हम जो वस्तुए खरीदते है ।उनका हम  पूर  उपयोग  भी कर पाते है 'या नही ।  क्या हमारे पैसे का सही स्तमाल हुआ या नही ।
यह जानने के लिज  आप एक लिस्ट बनाए । माह की एक तारीख से तीस तारीख तक हर रोज  आपके घर मे जो भी वस्तू  खरीद कर लाई जाए उसे आप  इस लिस्ट मे नोट करते जाए ।अब  एक महिने बाद  आप  इस लिस्ट को जँचे 'आप पाएगे कि उन वस्तुओ मे से लगभग 50% वस्तुए बेकार सावित हुई 'जिनका आप पूरा उपयोग नही कर पाए । आपका पैसा पानी मे गया । इस लिस्ट मे बेकार पाई पाई गई वस्तूओ मे अधिक वस्तुए वह होगी ' जो बच्चो के दुआरा या महिलाओ के दुआरा खरीदी गई थी । क्योकि महिलाए और बच्चे खरीद फरोखत मे कच्चे होते है ।उनहे पैसे की अहमियत पता नही होती है'  क्योकि वह कमाते नही है ।इस बात को समदने के लिए 'आपने वह कहानी जरूर ही पढी होगी _एक बाप  अपने बेटे को एक रुपया देकर 'उससे कहता हे -जा इसे कुए मे फेक  आ 'बेटा फेक  आता है 'फिर बाप कहता है 'एक रुपया कमा कर लाओ 'तब बेटा अपनी मँ से एक रुपया ला कर बाप से कहता है-मे यह ले आया ।बाप फिर बेटे से कहता है -जा इसे कुए मे फेक  आ । बेटा एसा ही करता है ।दुशरे दिन बाप पत्नी को मायके भेज देता है ।और फिर बेटे से कहता है -आज तुम दो रुपये कमा कर लाओ नही तो शाम को तुमहे खना नही मिलेगा और पटाई होगी । आज बेटा सचमुच दो रुपये कमा कर ले आता है और  अपने बाप को दिखाता है ।बाप फिर कहता है -कुए मे फेक  आ 'लेकिन बेटा इस बार  एसा नही करता 'और बाप से कहता है -यह दो रुपये कमाने मे मेरी कमर टूट गई और  आप कुए मे फिकवा रहे है । नही   फेकूगा ।यह सुनकर बाप खुश होत है 'और बेटे को साबासी देता है ।
सॉपिंग के टिप्स
(1) बच्चो व महिलाओ के साथ  जा कर खरीददारी कराए ।
(2)M R P  से भी कम रेट पर वस्तुए खरीदे ।
(3)  गारंटी वारंटी के साथ वस्तू का पक्का विल दुकनदार से लेना न भूले ।
(4)अपनी पसंद से सामान खरीदे 'दुकानदार की न माने 'वह कहेगा_हय सामान  उससे भी बढिया है 'घटिया हो तो बापस कर जाना 'क्या हमने आपको कभी घटिया माल दिया नही न ।घर की बात है  आदि कहकर वह  आपको उल्लू बना देगा ।
(5) चतुराई से मोल भाव करे ।सबसे पहले वस्तू पसंद करे 'फिर कीमत पूछे 'दुकनदार रेट बताएग 'दुवारा पूछे _सही सही  बताईए या फिक्स बताए 'वह  आप से कहेगा आच्छा कितना दोगे 'पर  अभी आप  अपनी बात न बताए 'बरना ठगा जाएगे'' अब वह दुबारा कुछ कम रेट वताएगा ।अब  आपकी बारी है उसके बताए रेट से आधा कीमत लगा कर खडे हो जाए और फिर  आखरी कीमत लगा कर चलते बने । अब दुकनदार  असलियत पर आ जाएगा ।
(6) आज  अॉनलाइन सॉपिंग लाभ का सोदा है। घर बैठे सामान खरीदना 'और डिजिटल मनी से पेमेंट करना इसमे समय  और धन की बचत होती है। पर पूरी जनकारी लेने के बाद ।
(7)मोल करे तलबार का पडी रहन दे म्यान _यनी पेकिट की चमक दमक नही अपितू वस्तू की गुणबत्ता देखे ।
(8) कपडा खरीदने के लिये सबसे करगर रम बाण टिप्स_जब सुबह दुकनदार  अगरबत्ती लगा कर दुकान पर बेठे' ' तभी आप पहले गाहक बन कर पहुचे 'और कपडा पसंद करे 'फिर कीमत पूछे ' जबाव सुनकर 'कहे महगी है हम नही ले पाएगे और बापस  आने लगे । तब वह  आपसे कहेगा 'आप पहले गाहक है आप भगबान है । बोनी न बिगाडे ।और  आपको 100% सच रेट बताएगा' और खरीद रेट से केवल 10 या 5 रुपये ही जादा लेगा  ।
अजी दुकानदार को छोडो 'झूठ का धंधा करने बाले बकील भी सुबह  अपने पहले क्लाइट से एक बार सच  जरुर बोलते है । इनके अपने उसूल होते है ।जिनका हमे लाभ  उठाना चाहिए ।
जय सुभ_लाभ ।

Seetamni@gmail. com
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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

पूंजीपती बनने की कलाँ ।

ओशो के अनुशार _आप जानकर हेरान होगे की जिन लोगो के पास पैसा नही है 'वह तो बेचारा बिचार ही नही कर सकता । दुनिया मे जिनके पास सुबिधा है वे ही बिचार कर सकते है ।मेरी दृष्टी यह नही हे की  पूंजीपती कुछ बुरा आदमी है ।
या मजदूर कोई बहुत  अच्छा आदमी है । कि शोषित हो जाना कोई गुण है । और शोषक हो जाना कोई दुरगुण है'
यह  मे नही कहता हू ।
मेरा कुल मानना इतना है कि समाज की एक ब्यबस्था है 'इस ब्यबस्था मे एक  आदमी धन को इक्टठा कर लिया है ।
निस्चित ही वह ज्यादा कुशल है'  ज्यादा होशियार है । वह समाथ की सारी की सारी बेईमानी ओर सारी ब्यबस्था का पूरा   उपयोग कर रहा है ।
जो शोषित है जिसमे' वह कोई बहुत गुणबान है 'एसी बात नही है । उसको भी अगर  इतनी ही बुद्धी और  इतनी ही शोषण की कलॉ सब समझ मे आ जाए तो वह भी कल  इसकी जगह बेठ जाएगा ।
इसमे कोई आदमी -आदमी मे फरक नही है ।

Seetamni@gmail. com       
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गुरुवार, 24 सितंबर 2015

फ्री हेल्प लाइन सेवाए इंडिया भाग [3]

मित्रो आज मे आपको पिछली पोस्टो के आलावा ढेर सारे सरकारी एवं गेर सरकारी टोल फ्री हेल्प लाइन नंवरो की जानकारी दे रहा हछ। मुझे आशा है की आप इन मुफ्त सेवाओ का दुर उपयोग नही करेगे ।बल्की जरुरत पडने पर ही आप  इन सेवाओ का उपयोग करेंग।
टेली सेवाए'' टेली सॉपिग
(1) मेटरोला मोबाईल -1800112211.
(2) गूगल एडवडृ-18004190908.
(3)टेली सॉपिंग -18001180000.
(4) डेटाविन टेवलेट -18001802180.
(5) ओलेक्स इन -18001033333.
(6) कवृन मोवाईल -18001024660.
(7) इंटेक्स मोवाईल-18601805555.
(8) इंटरनेट ईमेल-18004199977.
(9) सुखेन सोलर -18001027555.
(10) कोलगेट पॉमोलिव-1800229599°
(11)घडी वासिग पाउडर -18001202800.
☎एमरजेंसी सेवाए भारत सरकार ।
(1) एक्सीडेंट -108.
(2) एमबूलेंस -102.
(3) आग [फायर] -101.
(4) हास्पिटिल -104.
(5)पुलिस कंट्रोल रूम -100.
(6) एडस -1097.
(7)टृमा सेवा -1099.
(8)चिल्डरन डिसटृस सेवा -1098
(9)कृईम स्लीपर सेल -1090.
(10)रिलाइफ कमीशन -1070.
(11)महिला कृसिस रिस्पोंस -1091.
(12)M ,P सरकार 181.
📞 भारत सरकार  और गेर सरकारी हेल्प
  (1)पेट्रोल L P G हेल्प -18002333555.
(2)किसान कॉल सेंटर -18001801551.
(3)मंत्रालय -1800113090.
(4)S M TC लिमिटेड -18001800000.
(5)नेशनल कमीशन -1800110088.
(6)इंकम टेक्स -18004254251.
(7)एडस हेल्प लाइन -1800111097.
(8)एंटी रेकिंग हेल्प -18001805522.
(9)केंसर हेल्प लाइन -18003450111.
(10)महिला कमीशन दिल्ली -1800119292.
(11)स्टेट बीमा कारपोरेशन -1800112526
(12) फल सुरक्षा अथोरटी इंडिया -1800112100.🍎🍏🍓🍇
(13)इंकम टेक्स डिपारटमेंट -1800425229.
(14)मोषम की जानकारी -18001801717.📺🔭⛅☁
(15)G B N सेंटर -18002002039.
(16)लाजिस्टिक्स  सेवा -1800118282.
(17) M O I A--1800113090.👤
(18) नेशनल कमीशन -1800110088.
(19) नेशनल स्मॉल इंडस्टी -1800111995.🏭
(20) तम्बाकू निषेध कायृकृम -1800110456.🚷
(21)कामगार  रीसरच सेंटर 1800113090.
(22)पासपोरट सेवा -18002581800.✈🚁
(23)रजिशटार  जनरल कमिशनर  इंडिया -1800110111.
(24)टेलीकॉम मानीटरिंग सेल -1800110420.🚪📲
(25)उधमी हेल्प लाइन -18001806763.🏭
(26)आईडेंटीफिकेशन  आथोरटी इंडिया -18003001947.👤👥
(27) महिला आषृम बेगलूरु -18002588888.
(28) अल्पसंख्यक मंत्रालय -1800112001.
📕राज्य सरकारो की हेल्प लाइन सेवाए ।📕
(1)नोरथ रेलवे -1800112511.🚂
(2)B B C महाराष्टा -1800222021.
(3) हरियाणा पुलिस -18001802200.👮
(4)नगर निगम गजियाबाद 18001803012.🐗
(5)जानकारी कमीशन  उडीसा  -18003456777.📻
(6)उधोग सहायक पंजाव -18001802469.🏭
(7)मिडयमील  आथारटी उत्तर पृदेश -18004190102.🎎🌽
(8)नरेगा यू  पी -18001805999.
(9)ब्यापार कर  यू पी  -18001805223.✂
(10)पोलिटिशन कंट्रोल बोरड बेस्ट बंगाल -18003453390.
(11)मध्य पृदेश हेल्प लाइन -155343.📞📞

(12) अंधृपृदेश हेल्प लाइन -18004251244.☎📞
(13) छत्तीसगड हेल्प लाइन -18002330008.☎📞
(14) झारखंड हेल्प लाइन -18003456502.☎📞
(15) पंजाव हेल्प लाइन -18001802468°☎📞

(16)राजस्थान हेल्प लाइन -18001806088.☎📞
(17) उत्तराखंड जल संस्थान -18001804100.
(18) बेस्ट बंगाल हेल्प लाइन -18003451001☎📞

नोट_ मित्रो आप केवल जरूरत होने पर ही इन मुफ्त नंवरो पर कॉल करे  बगेर काम के इन सेवाओ का दुर उपयोग न करे 

शनिवार, 19 सितंबर 2015

लाखो रूपये की बचत करे'

दोस्तो आप बिचार करे तो आप अवश्य ही यह केलकूलेशन कर सकते हे'की हमारी मेहनत की कमाई का बहुत बडा भाग हमरे परिवार पर {बीमारी के दोरान}उनके ईलाज पर खरच हो जाता है। दोस्तो अगर हम इसी पैसे की बचत करले और बिमारियो से बचने के विकल्प खोजले तो हमे 100बरस की आयू एवं लाखो रुपये की बचत का अवशर मिल सकता है।
देखिए अगर आप हर साल बिमारी के खर्च का दस हजार रूपया बचाएगे तब सो बरस में10लाख यू ही वच जाएगे।
दोस्तो मे धन कमाने से आधिक धन बचाने पर गोर करता हू। आप विश्वास नही मानेगे' मेरा अपना परिवार का खर्च बीमारी या इलाज दबाईयो आदि के नाम पर जिरो है। केसे आईए जाने_लोग धन कमाने के जुनून मे अपनी शेहत पर ध्यान नही देते और उसे ख़ देते है। और फिर बापस अपनी शेहत पाने के चक्कर मे अपना कमाया हुआ रुपया भी खो बैठते है
 [1]स्वास्थ ही पैसा है।
दोस्तो आपने अंग्रेजी की हय कहावत तो सुनी होगी 'हेल्थ इज़ दा बैल्थ' जो बिल्कुल सही है। दोस्तो यह मे आपने मन से नही लिख रहा हू। यह हमारे विचारको का मानना है। आज तक के इतिहास मैं आयूरबेद के दो ही बिख्यात रिशी हुए है। महारिशी चरक जिन्होने 'चरक सहिता 'नामक 'ग्ंथ  लिखा है। दूसरे रिशी  है। पतंजलि । एक वार महारिशी चहक से  उनके शिष्यो ने पूछा था की गुरूदेव  स्वस्थ का रहष्य क्या है। तब उनहोने बताया था ।की स्वस्थ का राज़ श्रम है।  और मेइरे बिचार से अमीरी का राज़ भी श्रम ही है। 
[2]  जहं स्वछता है वहं लक्ष्मी है।  ब्यक्यी को अपने अलावा  अपने पूरे परिवेश को साफ सुथरा रखना चाहिए ।क्योकि जहं स्वछता होती है । वहं ईश्वर होता है 'और जहं ईश्वर होता है वहं धन की कमी नही रहती है  आपने देखा होगा मंदिरो  और अस्पताल  आदि जैसी जगहो पर जहं सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है ।वहं  कितना पैसा आता है । 
[3]  न शामुक्त रहे 'धनवान बने । दोस्तो एक सरबे के आनुशार नशा करने बाले लोग शराव सिडरेट 'तम्बाकू आदि मादक पदारथो की खरीद पर  अपने पूरे जीवन मे इतना रुपया उडा देते हे जितना कि एक बिशाल भवन बनाने मे खरच होता है । अब आप केल्कूलेशन करके देख सकते है। दोस्तो मादक बस्तूओ के सेवन से आदमी की 4  कीमती चीजे नष्ट होती है। जेसे _समय 'शरीर 'धन' इज्जत ।दोस्तो नशीली चीजो के सेवन के वगेर भी हमारा जीवन खुशहाल चलता है। तुलसीदास ने रामायण मे लिखा हे कि व्यशनी आदमी के पास कभी धन नही रह सकता है  आपने भी एसे अनेक ल़ोग देखे होगे जो खूब पैसा कमाते है  पर पेसा आते ही वे उसे शराव आदि पर पानी की तरह बहा देते हे और जीवन भर कंगाल बने रहते है। दोस्तो आगर आप भी आमीर बनना चाहते हे तो आपक़ इन बात़ो को अपने जीवन मे अमल मे लाना ही होगा ।यही अमीर बनने के गुर -सूत्र  है । शुभ लाभ ।
Seetamni@gmail. com

गुरुवार, 17 सितंबर 2015

मुफ्त हेल्पलाइन नंवर ।

इनवेस्टमेन्ट/फाईनेंस [१] छोटा मुत्तूअल फंड:1800222300. [2]फेंकलिन टेम्पलेंशन फंड _18004254255.[3]कटक मुत्तूअल फंड_1800222626.[4]शेरखान_1800227500.इंसूरेनस[बी मा] [1]वजाज आलिंज_1800225858.[2]H D F Cस्टेडर लाइफ _1800227272.[3]S B I लाईफ इंसूरेंस_1800229090.[4] नेसनल इंसूरेंस_18001177700.टेवल्स[1] क्रास एनड किंग_1800221235.[2] सीता टूरस_1800111911.  हेल्थ क्यर  [1] बेस्ट अॉन हेल्थ _1800118899.[2] जोनशन एनड जोनशन_1800228111.होटल रिजरवेशन [1] इंटर कंटीनेटस होटल _1800111000.[2] सरोवर प्लाजमा _1800111222.[3]ताज  होटल _1800111825.[4]
होम सॉप 18 चैनल_18001031818.
शिक्षा विभाग_1800116200.
पंजाब नेशनल बैक _18001802222.
रेंट 2 केश बेव _18005323456.
अमागी एड सेवा _1800200444.
डी डी फ्री डिश_1800110510.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय _1800112001.
डी डी यूपी_18001805233.
सेक्स पीडित बच्चों की हेल्पलाइन_1098.
Seetamni@gmail. com
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रविवार, 13 सितंबर 2015

बाजारू कॉफी बृाडो से भी बढियॉ आरटफिशिल कॉफी पाउडर अपने घर पर किचन मै बनाए !

दोस्तो मे आपको अपने धन की बचत करने का एक एसा तरीका बता रहा हू. जिसके उपयोग से आप अपनी पूरी जिंदगी मे चाय-कॉफी की खरीद पर होने बाले खरचे का पूरा पैसा बचा सकते है! एसा करने के लिए आपको अपने घर पर ही अपने किचिन मे कॉफी पाउडर बना कर उपयोग करना होगा. यह बिलकुल सस्ता और आसान है. आप खाने बाली बस्तूयो से ही 15मिनिट मै 100g कॉफी पाउडर बना सकते है.जिसे आप अपने घर पर एक माह से भी अधिक दिनो तक उपयोग कर सकते है. दोस्तो मैने एक साल (बजार के कॉफी बृाडो पर) रीसृच करने के बाद यह कॉफी बनाने का फारमूला तैयार किया है. यह एक मेगजिन मै भी छप चुका है. आज मै आपको यह फारमूला बता रहा हू. इसका उपयोग करके घरेलू गृहणियॉ महिलाए भी अपने खृच का मासिक बजट कम कर सकती है. तो लिजिए साहवान यह कृतिम कॉफी पाउडर बनाने का फारमूला यह है. >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कॉफी बनाने का फारमूला पर 100gकॉफी पउडर बनाने के लिए!  सामंगृी_ 80g (sugger) चीनी ,20g मीठा सोरा, 10g मिठाई रंग पीला,  2g कॉफी फ्लेवर , और चुल्हा, छोटी कडाही ,चमची आदी .                                                      बिधी _ सबसे पहले हम चुल्हे को जलाकर उस पर छोटी(चाय बाली) कडाही रखते है और उसमे एक चुटकी चीनी डाल देगे कुछ देर(२मिनिट) मै जब कडाही की चीनी पिघलने लगेगी, तब हमे पता चल जाएग कि आब कडाही गरम हो गई है, और तब हम कडाही मै 80gचीनी डाल देगे, और देखते ही देखते कडाही की चीनी पिघल कर पानी जैैसी हो जाएगी और अब अपना रंग बदलने लगेगी ,पहले यह पीला रंग दिखाएगी  ,फिर लालरंग,  जब यह लाल रंग मै दिखाई देने लगे और उफनने लगेगी, और  कडाही से हल्का सा धुआ भाप के रूप मे निकलने लगे,एवं जलादी सी गंध आने लगे, तो अब आप जल्दी_ जल्दी  कडाही मे आप मीठा सोरा डालकर चमची से अचछी तरह मिक्स कर दे ,अब यह उफनने लगेगी और फूलने लगेगी, आपको एसा लगेगा ,जैसे अब यह कडाही के बाहर गिर जाएगी, पर आप डरे नही ,कडाही को कपडे से पकडकर नीचे उतारकर रखले , और करीब आधा घंटा बाद देखे, जब कडाही ठंडी हो जाए ,कडाही का घोल कडक हो कर घरखरा हो जाएगा (हाथ न लगाए ) तब इसे चमची से खुरचकर  इसमे ,फ्लेवर की 2_4बूदे डाले ओर कलर भी मिलाले, और अब इस पूरे मिसरण को एक मोटी सी पॉलेथिन मे भर कर,इसे पॉलथिन के अंदर ही पीसदे उपर से दबकर,  अब इसे छलनी से छानकर कॉच की सीसी मै पेककर ले ! अब अापका कॉफी  पाउडर बन कर पूरी तरह से तैयार है ! अब आप इसे टेस्ट कर सकते है! नोट_ यह कॉफी नमी ओर पानी के पृती  बहुत ही संबेदन शील होती है यह हबा से भी नमी सोखकर जम जाती है!इसलिए कॉफी को नमी से बचाकर रखे, गीले हाथ न लगाए, कॉफी पऊडर काो खुलल न रखे!  संदेह का समाधान_इसमे यदि आपको किसी भी पृकार की कोइ परेसानी अए तो आप मुझे संपकृ कर सकते  है मेरा मोबाइल नं.- 9752066004.है!  आप मुझे ई_ मेल भी कर सकते है, मेरा ईमेल  seetamni@gmail.com है! यदी आप चाहे तो मै आपको कॉफी पाउडर बनाने का पूरा विडियो भी ,भेज सकता हू. और इसमे आपको मेरे दुअारा बताई हुई बिधी  से बनने बाली कॉफी पर कोइ संदेह हे तो मै आपकी जानकारी के लिए बता दू कि_(1) इसे मै अपने धर पर पिछले २ साल से उपयोग कर रहा हू.(2) इसे बनाने मे लगने बाली चारो वस्तुए खादय पदाथृ है. यहॉ तक की यह फ्लेवर भी वह है जो कॉफी का टेस्ट देने बाली बच्चो की चॉकलेट बनाने मे पृयोग होता है!(3) यदि आप चाहे यो इसका लेवोरटी टेस्ट करबा सकते है   जय शुभ लाभ  दोस्तो अगली पोस्ट मे मिलेगे !


मंगलवार, 8 सितंबर 2015

अब मुफ्त बात करे ।

भारतिय हवाई सेबा १.इंडिया एयर लाईन हेल्प लाईन -18001801407.  (2) स्पाइस जेट हेल्प लाईन नं.-18001803333. (3) जेट एयर वायस हेल्प लाईन- 1800225522. बैंक (1) स्टेट बैक ऑफ इंडिया -1800112211. (2) A .B. N.अमरो हेल्प लाईन- 1800112224.(3) डेवलपमेंट केृडिट बैक -1800225769. (4)H.D.S.C. बैक हेल्प लाईन-1800227227. (5) लोडृ कृषणा बैंक हैल्प नं.-1800112300. कोरियर, पेकर,मूवरस (1) अगृवाल पेकर एनड मूवरस नं.-1800114321. (2) फेडएक्स इंटरनेसनल कोरियर नं.1800226161. (3) गोल पेकरस एनड मूबरस नं._1800113456. होम एपलायरस (1) एवा सोनी हेल्प नं._1800111188. (2) एंकर स्वीटस हेल्प नं._1800227979. (3)  वुस इंनडिया कॉपोरेसन हेल्प नं._ 1800112673. (4) सेमसग हेल्प नं._1800113444. (5) साइन हेल्प लाइन _1800110101.  (6) मारूती हेल्प लाईन सेबा नं._1800115151.(7) H. C. L. हेलेप लाइन नं._18001808080. (8) माइकृो सोप्ट हेल्प लाइन _1800111100. (9) वेरोक्स हेल्प लाईन_18001801225. दोस्तो यह जानकारी आपको  कैसी लगी  मुझे वताए मेरा ई-मेल seetamni.@gmail.com है दोस्तो अगली पोस्ट मे और मुफ्त सेबाओ के नंवर लिखूगा डेर सारे हे !

Seetamni@gmail. com

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।