बुधवार, 5 अक्तूबर 2016

लोकगीत गायक: देशराज पटैरिया ।

बुंदेलखंडी लोकगीत संम्राट देशराज पटेरिया का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला के गॉव 'तिटानी ' मे हुआ । वह  अपनी यूवा अवस्था से ही अपने अस पडोस के गॉवो मे भजन कीरतन के कार्यक्रम करते रहते थे ।उनकी सुरीली आवाज के कारण लोगो को उनका गायन पसंद आता था । देशराज ने अपने गुरु अमरनाथ से लोकगीत गायन सीखा । सन 1976 मे देशराज ने बुंदेलखंडी लोकगीत गाना आरंभ किया । इसके बाद  उनके गीतो और भजनो का प्रशारण  आकाशवाणी छतरपुर से होने लगा । और फिर कन्हैया केसिट कंपनी ने उनके गीतो के रिकार्ड केसिट के रूप मे बाजार मे उतारे तो कन्हैया केसिट धढल्ले से बिकने लगे ।और देशराज पटैरिया अपने गीतो को ले कर पूरे भारत मे छा गये ।

आज देशराज पटैरिया बूढे हो चुके है पर  उनकी आवाज मे अभी भी जादू है । पर  अब वह बहुत कम स्टेज सो करते है ।फिर भी नवरात्र के समय  उनके पास सेकडो आफर  आते है ।आज देशराज छतरपुर मे रहते है ' उनहे छतरपुर मे कन्हैया केसिट वालो ने मकान उपहार मे दिया है ।उनका एक मकान भोपाल मे भी है जहाँ वे कभी कभार ही रहते है ।दूरदर्शन भोपाल से उनके कार्यक्रम प्रशारित होते रहते है । उनके हर स्टेज सो मे भारी भीड जमा होती है ।यूपी और मध्य प्रदेश मे तो लोग देशराज के लोकगीतों के दीवाने है ।उन्के कार्यक्रम मे मैने खुद लंगडो को नाचते देखा है । उनका हरदोल चरित्र भजन सुन कर पत्थर दिल लोग भी रौ पडते है । और  उनके लोकगीत सुनकर बूढे भी जवान हो जाते है ' उनके चुटकुले सुनकर रोतेहुए भी हसने लगते है । देशराज के लोकगीत फिल्मी गीतों को भी पीछे छोड देते है । देशराज पटैरिया ने अपने 50 साल के गायकी के सफर मे लगभग दो सौ भजन  और बुन्देली गीत गाये है । वह सभी सुपर हिट रहे है ।

विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार ।

इस समय भारत के बाजारों मे विदेशी वस्तुओं की भारी भीड है ' खासकर चाइना की वस्तुओं की भारत के बाजार मे रोजाना अनुमानित 10778 डालर की बिक्री होती है ।चीन हर साल भारत मे लगभग 62 अरब डालर की वस्तुओं का निर्यात करता है ।जवकि भारत चीन को कुल 12 अरब डालर का निर्यात करता है । भारत एक बहुत बडा बाजार है और  आज भारत के बाजार मे चीन के माल की भरमार है ।made in china  के बने सामानो मे सबसे जादा इलेक्ट्रॉनिक आइटम है जैसे _ टेवलेट ' मोबाइल ' लैपटॉप ' टीवी ' टार्च ' झालर बाली लाइटें आदि ।अन्य वस्तुओं मे चाइना के बने कपड़े 'जूते और साथ ही गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति भारत मे बहुत पसंद की जाती है । यह सभी चीनी वस्तुएं भारत की वस्तुओं से काफी सस्ती होती है ' पर यह चीजे घटिया क्वालिटी की होने के कारण जल्दी ही खराव हो जाती है ।भारत मे चीनी माल की कोई गेरंटी बारंटी नही दी जाती ।
चीन पाकिस्तान का पक्छधर है '  इसलिए भारत के लोग चीन से नाराज़ है और  उसे सवक सिखाने के लिए चीन की वस्तुओं के बहिष्कार की मुहीम चलाले पर विचार कर रहे है । क्योंकि चीन को चोट पहुँचाने का यह  एक कारगर  उपाय है ।
विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से स्वदेशी को बढावा मिलेगा ।आगामी सालो मे मेक  इन  इंडिया के माध्यम से यह वस्तुए भारत मे ही बनने लगेगी । जिससे रोजगार के अवसर  अधिक पैदा होगे ।स्वदेशी अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी । और देश का विकास होगा ।देश का पैसा देश मे ही रहेगा ।
                                         ⌚        MADE IN INDIA👗👕👜

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।