सोमवार, 31 अक्तूबर 2016

बैंक 'स्विफ्ट कोड ' की पूरी जानकारी ।

स्विफ्ट कोड " क्या है ? इसे कैसे और कहाँ से प्राप्त के करें ? 
इस विषय की पूरी जानकारी नीचे दी जा रही है । 
बैक खाते का एक कोड होता है । IFSC कोड जिसके बारे मे सभी जानते है । यह कोड हर बैक ब्रांच का अलग होता है ।यह कोड  एक ही देश के अंदर एक बैक से दूशरी बैक के खाते मे रुपये भेजने के लिए उपयोग होता है । ifsc code का फुल फार्म ' इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम ' है ।
स्विफ्ट कोड swift code : यह कोड  एक देश से दूशरे देश की बैको के खाते मे मुद्रा ट्रांस्फर करने के लिए उपयोगी होता है । पर भारत मे हर बैक ब्रांच का अपना स्विफ्ट कोड नही होता है ।बडी बडी बैको जैसे sbi आदि के एक प्रदेश मे दो या चार शहरो की बैंको के ही यह कोड होते है । कुछ बैक जैसे icici बैक  आदि के तो एक प्रदेश मे केवल  एक ही शहर का स्विफ्ट कोड होता है । किसी भी बैक का स्विफ्ट कोड  उस प्रदेश मे उस बैक की किसी भी शाखा के खाते मे विदेशी धन डलवाने के लिए उपयोग किया जा सकता है ।
स्विफ्ट कोड ' पता करना _ इंडिया मे विदेशी मुद्रा अपने बैक खाते मे ट्रांस्फर करवाने वालो को इस 'स्विफ्ट कोड ' नामक मुशीवत की जरूरत पडती है । खास कर  इंडियन ब्लॉगरों को अपने बैक खाते मे गूगल एडसेंस का पेमेट पाने के लिए यह कोड जरूरी होता है । अपनी बैक शाखा का स्विफ्ट कोड जानने के लिए उस बैक के टोल फ्री कस्टमर केयर पर कॉल करके पता किया जा सकता है । यदि यहाँ से भी समश्या का हल ना हो तो फिर गूगल देवता की शरण मे जाओ इंटरनेट पर  एसी बहुत साइट है जो इंडिया के ही नही पूरी दुनिया की बैकों के स्विफ्ट कोड  उपलब्ध करातीं है ।
बैंकों के स्विफ्ट कोड पता करने के लिए एक बहुत अच्छी वेबसाइट है जिस पर यह कोड खोजना बहुत सरल है । इस साइट का लिंक  और होम पेज का फोटो हम नीचे दे रहे है ' पर यह साइट खोलने से पहले इसके बारे मे समझ ले क्योंकि आखिर विदेशी मुद्रा पाने का सवाल है ।
www.ifscswiftcodes.com यह साइट खोले ' होम पेज अने पर उसमे उपर स्विफ्ट कोड पर क्लिक करें ' अब आपके सामने जो पेज होगा उसमे एक बॉक्स होगा जिसमे चार छोटे बॉक्स होगें । उनमे से पहले बॉक्स पर क्लिक करें 'अब आपके सामने कंटरी लिस्ट होगी जिसमे से आपको अपना देश चुन कर स्लेक्ट करना है इसी तरह दूशरे बॉक्स मे अपनी बैक का नाम चुने ' तीशरे बॉक्स मे अपना प्रदेश चुने ' अब अंतिम चोथे बॉक्स मे आपको सिटी चुनना है ।जव आप इस बॉक्स पर क्लिक करेगे तो आपके सामने एक लिस्ट होगी जिसमे कुछ शहरो के नाम होगे ' एक शहर का एक नाम भी हो सकता है ' जहाँ तक इस लिस्ट मे आपके शहर का नाम नही होगा जहाँ आपका बैंक खाता है ' पर आपको चिंता करने की जरूरत नही है । अपने शहर के पास बाले शहर के नाम पर क्लिक करे ' लिस्ट मे एक ही शरह का नाम हो तो उसी पर क्लिक करे ' अब आपके सामने उस सिटी की कुछ बैंक शाखाओ के नाम होगे 'जिनमें से किसी भी एक पर क्लिक करें । अब आपके सामने नीचे बाले बडे बॉक्स मे पहले नं पर उस शाखा का स्विफ्ट कोड लिखा आएगा और भी उस शाखा की पूरी जानकारी इसमे से यह स्विफ्ट कोड ' नोट करैं 'और उस कंटरी को भेजें जहाँ से आपका पैसा आने वाला है । एक प्रदेश मे आपनी बैंक की किसी भी शाखा का स्विफ्ट कोड अपने खाते के लिए उपयोग किया जा सकता है ।

रविवार, 30 अक्तूबर 2016

मध्य भारत की दीपावली ।

🌋 दीपावली 🌋
दीपावली हिन्दू धर्म के लोगो का सबसे बडा त्योहार है । यह त्योहार पूरे भारत मे अलग  अलग मान्यताओं  और रीती रिवाजो के साथ मनाया जाता है । आईए हम  आपको मध्य भारत के ग्रामीण  अंचलो मे मनाए जाने वाले दीवाली के त्योहार के बारे मे बताते है ।
दशहरे के बाद से इस त्योहार की तैयारी शुरू हो जाती है । घरो की साफ सफाई ' छवाई पुताई के साथ ही घर की सभी बस्तुए धो पोछ कर साफ सुथरी की जातीं है । खराब चीजे कबाडियों को बैच दी जातीं है । घरों की पूरी सजावट के बाद नये शिरे से घरों मे वस्तुएं जमाईं जाती है जैसे नया जीवन शुरू किया जा रहा है ।
दीवाली के बाजार _ दीपावली से पहले लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों का अपना महत्व होता है ।जो लोग कभी भी बाजार नही जाते वह लोग भी खासतोर पर दीवाली के बाजारों मे वस्तुए खरीदते देखे जाते है ।क्या गरीब  और क्या अमीर सभी लोग  इन बाजारो मे दिल खोल कर पैसा खर्च करते है और खूब सामान खरीदते है 'सामान भी क्या? रंग पेंट ' फुलझडी पटाखे ' मोर पंख ' दिया ' लक्ष्मी की मूर्ती ' सजावट के सामान 'और खाने पीने की वस्तुएं  आदि की इन बाजारो मे बहुत बिकवाली होती है । भारी भीड के साथ ही इन बाजारों की रोनक देखते ही बनती है ।
धन तेरस _ इस दिन धातु खरीदने का खास महत्व होता है ।  इसलिए लोग पीतल ' स्टील ' ताँवे के बर्तन  इस दिन खरीदते है । हर कोई कुछ ना कुछ धातु की चीज जरूर खरीदता है ।
छोटी दीपावली _  दीवाली के एक दिन पहले होती है छोटी दीपावली इस दिन हिन्दू लोग  अपनी गाय को नहलाकर  उसके सींघ रंगते है फिर गले मे घटी माला और गजरा पहनाकर ' उसके सिर पर मोर पंख बॉधते है ।इस दिन सजी धजी गाये पूरी 'कामधेनू ' ' लगतीं है । शाम को गाय की पूजा होती है ।
🎆 दीपावली🎆 कर्तिक की अमावश्या का दिन  और रात खास होते हैं । इस दिन दीपावली होती है । दिन मे धन की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुवेर भगवन की पूजा की जाती है साथ ही घरों मे मिठाईयॉ और पकवान बनाए खाए जाते है । लोगो का एक दुशरे के यहाँ निमंत्रण होता है । महमानो को पकवान जिवाए जाते है ।सारे दिन हर्ष उल्लास के साथ दीपावली मनाई जाती है ।
दीपावली की रात _ यह अमावश्या की रात होती है पर  इस रात मे पूनम से भी आधिक चकाचोंध होती है ।हर घर का कोन कोना दियो और झालरो की रंगीन रोशनी से रोशन होता है । एसा लगता है जैसे स्वर्ग जमीन पर  आया है इस रात मे दीवाली मनाने के लिए ।
फुलझडी पटाखे _ बच्चे उछलकूद करते हुए फुलझडियॉ जला रहे होते है ' तो कुछ बच्चे रंगीन चिंगारी बाली चक्री चला रहे होते है । आसमान मे जाकर फूटने वाले पटाखे और जमीन पर बम पटाखो का धूम धडाका चारों तरफ शोर ही शोर पटाखो की गूज मे मदमस्त लोग दीवाली की पूरी रात पटाखे  जलाते है ।
गोर्वधन पूजा _ दूशरे दिन घर के आंगनो मे गोवर की पहाडी बनाई जाती है जिस पर पौधे लगाकर  उसे सजाया जाता है ।इसके बाद  उसकी पूजा होती है ।
भाई दूज _ दीवाली के तीशरे दिन भाई दूज का त्योहार होता है ।इस दिन बहने अपने भाईयो को अपने यहाँ निमंत्रण पर बुलाती है और  उनहे खीर पूडी खिलातीं है ' वहीं भाई भी अपनी बहनो को भेट मे नये वस्त्र रुपये आदि देते है । इसी के साथ समाप्त होता है मध्य भारत की दीपावली का त्योहार ।
___________________________________________________________________________

शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

अंतरिक्ष मे जीवन की खोज ।

बृहमांड मे केवल  एक हमारी पृथ्वी ही जीवित गृह नहीं है । अंतरिक्ष मे और भी गृह है जहाँ हमारे जैसी ही इंसानी दुनिया हैं । यह बात अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी मानती है । खगोल वैज्ञानिक ' और बडे बडे विचारक भी इस मत से सहमत है । पौराणिक कथाओं मे भी दूशरे लोको के बारे मे लेख है ।
एलियन  और  उडनतश्तरी
अनेक बार  आसमान मे उडनतश्तरी देखे जाने की खबरे आईं है ।पृथ्वी पर  एलियंस देखे गए है जो किसी दूशरे गृह से आते है ।एलियनो के फोटो भी खीचे जा चुके है जो एलियन होने के सबूत है ।
रेडियो संदेश _🌐 अनेक बार पृथ्वी पर  एसे रेडियो संदेश भी पहचाने गए है जो अंतरिक्ष के किसी दूशरे गृह से पृथ्वी पर भेजे गये थे । उन गृहो से पृथ्वी पर  आने वाले रेडियो संदेश पृथ्वी तक पहुचने मे बहुत प्रकाश बर्ष का समय लगता है ।
बृहमाण्ड _ इस शब्द का मतलव है जो फेलता ही गया हो और जिसका कोई आदि अंत ना हो । अंतरिक्ष मे दुरी मापन का पैमाना प्रकाश बर्ष होता है ।क्योंकि किरण की गती सबसे तेज है । एक सेकंड मे किरण लगभग डेढ लाख मील की दूरी तय करती है । सूरज से हमारी पृथ्वी पर किरणे पहुचने मे अठ मिनट लगते है । एक साल मे प्रकाश जितनी दूरी तय करता है उसे एक प्रकाश बर्ष माना जाता है । वैज्ञानिकों ने एसे तारे भी खोजे है जहां से किरण चली थी जव पृथ्वी बनी नही थी और वह किरण  अभी भी पृथ्वी तक नही पहुची है जवकी आज पृथ्वी को बने हुए लगभग ४अरब साल हो गए है । इसी से अनुमान लगाया जा सकता है की अंतरिक्ष कितना अनंत है । अंतरिक्ष मे हमारे सौर मंडल जैसे अनेकों सौर मंडल है जिनमे अनेक सूरज चंदा और पृथ्वी है । एसा वैज्ञानिक मानते है ।
अंतरिक्ष मे जीवन की खोज !
आज हमारा विज्ञान भी बहुत आगे पहुच गया है अंतरिक्ष मे गृहो की कक्षा मे अनेकों उपगृह स्थापित किए जा चुके है और यह सिलसिला जारी है । अव वह दिन दूर नही जव अंतरिक्ष मे हमारी पृथ्वी की तरह ही दूशरे इंसानी दुनियां  के गृह खोज लिए जाएगे और उनसे संपर्क स्थापित कर लिया जाएगा । आज तक की जानकारी से यह अनुमान लगता है की एलियनस की दुनिया का विज्ञान हमारे विज्ञान से बहुत आगे हो सकता है ।खेर यह तो आने वाला समय ही बताएगा की हकीकत क्या है ?
मंगल गृह पर जीवन संभव है !
 मंगल पर जीवन संभव है इस बात की घोसणा वैज्ञानिकों ने बहुत बार की है । पर इस बात को हकीकत का रूप देने मे समय लग रहा है । पिछले दिनो अमेरिका ने तो यह घोसणा कर दी थी की वह अगले साल मगल पर पर्यटको को ले जाने बाला है ।पर अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जो उपगृह मंगल की कक्षा मे भेजा था वह फेल हो गया और  जानकारी के अभाव के कारण यह यात्रा भी रद्द हो गई ।
महान विचारक ओशो ने एक बार अपने प्रवचन मे कहा था की इक्कीसवी सदी तक अंतरिक्ष के किसी ना किसी गृह पर जीवन खोज लिया जाएगा । और अव ओशो की यह बात जल्द ही सच साबित होने बाली है । भले ही मंगल पर पृथ्वी जैसी  दुनिया बसाना संभव न हो पर मंगल का पर्यटन स्थल बनना तो सौ% तय है ।

बुधवार, 19 अक्तूबर 2016

ग्रामीण भारत की तस्वीर ।

गांव की माटी की सुगंध _ मिट्टी  की दीवार के उपर लकड़ी और बॉस के जाल का छप्पर जिसके उपर मिट्टी के पक्के कवेलूओ की कतारो से बने मकानों का समूह गांव होता है । खडिया मिट्टी से पुते घर ' गोवर से लिपे अॉगन के कोने मै तुलसी का पौधा सोभायमान होता है । गांव की गलियों  चौवारो पर खेलते हुए बच्चे चिडियो से  चहचहाते है । सुवह सुवह  गांव के पनघट पर पानी भरती हुई स्त्रिया रंग बिरंगी साडियो मे तितलियो के झुंड के समान दिखती है ।
🍚 खान पान _  मिट्टी के चुल्हो पर लकडी की आग मे पकी रोटियां और गोवर के उवलो के अंगारे पर सिकी बाटियो के स्वाद का तो कहना ही क्या वस खाते ही जाओ । त्योहार पर बनाने वाली गांव की मिठाईयां बहुत मीठी होती है ' इनमे शक्कर ही शक्कर होती है । गांव के लोग चाय भी बहुत मीठी पीते है ' इतना मीठा खाने पर भी वे सुगर की बीमारी का शिकार नही होते क्योंकि वह श्रम का काम करतू है जिससे चीनी हजम हो जाती है ।
धर्मिकता_ गांव के लोग बहुत धार्मिक  प्रवृती के होते है । एक दुशरे से मिलते हुए राम _ राम  कहते हुए  देखे जाते है । कुछ गांवो मे सुवह राम नाम की प्रभात फेरिया निकलती है । मंगलवार  और शनिवार की रात गांव के मंदिर पर भजन कीर्तन होते है ।
☕ स्वागत _ गांव मे महमान को आज भी भगवान समझा जाता है ' उसका स्वागत चाय ' पान ' सुपाडी के साथ किया जाता है । महमानो कै भोजन मे खीर पूडी खिलाईं जातीं हैं ।

शहरों की चकाचौंध  और शोरगुल से दूर शांत दिहाती दुनिया  की ताजी हवा आदि । गाव के जन जीवन का लुफ्त कुछ निराला ही है । जो स्वाद जीभ चखती है उसे कान सुनकर  अनुभव नही कर सकते ' जो जीता है गांव की जन्नत का जीवन वही जानता है ।
👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳👳

सोमवार, 17 अक्तूबर 2016

समय के रूप रंग ।

समय ⌚
समय बहुत रहष्य मय कृया है । समय का असली रूप स्थर है ।दूशरे रूप मे मानव निर्मित  और प्राकृतिक समय चलायमान है । जो गोलाकार घूम रहा है । वर्तमान बीत जाने पर भूतकाल बन जाता है ' और फिर  अतीत ही रूप बदल कर भविष्य बन कर  आ जाता हैब जब से मनुष्य ने समय को पहचान है तभी से समय मुल्यवान समझा जाने लगा । फिर समय नापने के लिए घडी का अविष्कार हुआ । समय का चित्र बनाया गया '  इस चित्र मे समय मानव रूप मे पंखो बाला आकाश मे उडता हुआ दिखाया गया है और समय का मुह बालों से ढका हुआ है । इसका मतलव है की समय  अपना चेहरा छिपा कर  उडता है ।
समय का एक चक्कर एक साल मे पूरा होता है ।और  इसके बाद समय मे कुछ नया घटित नही होता फिर वही शुरू हो जाता है । जो पिछले साल हुआ था । उदाहरण के लिए जैसे पिछले साल बारिश के मोषम मे जिस दिन त्योहार था और  आकाश मे काले वादल थे 'प्राकृतिक  और मानव निर्मित  दोनो ही माहोल ठीक बैसे ही होगे जो पिछले साल थे ।
24 घंटे के चक्कर मे आदमी घडी के साथ घूमता है और हर दिन वही वही काम करता है जो उसने पिछले दिन किया था ।
आदमी के लिए समय का महत्व ।
मनुष्य के जीवन का समय बहुत अनमोल है । वर्तमान का हर छण बेशुमार कीमती है और पकडने लायक है । मनुष्य समय से पीढित प्राणी है उसके समय का स्केल जन्म से शुरू होता है और मृत्यु पर खत्म हो जाता है ' इस बीच  आदमी को जो समय मिलता है 'वह किसी भी तरह गूजारने के लिए नही है ' वल्की कुछ नया सृजन काम करने के लिए है ।
आदमी की आयु का अधिकार समय तो शरीरिक जरूरतो जैसे सोना ' खाना' पीना 'आदि मे नष्ट हो जाता है कुछ समय लोगों से मिलने जुलने मे चला जाता है कुछ समय टी वी खा जाती है । जीवन मे काम का समय बहुत कम होता है ।इसलिए समय के एक छण का भी भरपूर उपयोग करना चाहिए । जो लोग समय के मामले मे कजूस होते है सही मायने मे वही लोग चतुर  और होशियार है । एसे लोग दूशरो को धन देना पसंद करते है ' लेकिन समय देने के मामले मे बहुत बहाने बनाते है । क्योंकि वह जानते है की खोया हुआ धन दूवारा मिल सकता है पर खोया हुआ एक छण भी दुवारा लोट कर नही आता है ।
समय की चाल_  24 घंटे मे एक ही स्थान हर पल  अपना रूप बदलता है  पृ कृतिक समय । जबकी मानव के समय के कुछ छणो का समूह  एक समान ही चलता है ' फिर  अचानक दूशरे रंग रूप के छण  आ जाते है जो कुछ देर  अपना रंग दिखाते है ' फिर समय मे बदलाव  आ जाता है । पर सूरज के प्रकाश का रंग रूप हर दिन वैसा ही रहता है । एसा दिन कभी नही आता जिस दिन सूरज से हरा या गुलावी पृकाश निकलता हो  ।

सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

रावण का प्रतीक 'दशहरा ।

😈😈😈😈😈👹😈😈😈😈
  द   श  ह   र   ।   र   ।   व    ण
रावण जैसा महामानव वलबान  और बुद्धीमान पुरुष कोई दुशरा पैदा नही हूआ ।और शायद  आगे होग भी नही ।रावण  उस युग का सर्व संपन्न राजा था । उसके पास सोने का महल  और वायूयान (पुष्पक )था ।उस समय रावण ने लंका मे जो विकाश किया उसके निशान  आज भी श्रीलंका मे है ।वहा एक भव्य मंदिर है शिव का जो रावण ने ही बनबाया था । महापंडित रावण राजनीती मे भी बहुत निपुण था ।रावण  एक वीर योद्धा था वीरो की यही पहचान है की वह झुकते नही है भले ही टूट जाए । रावण ने 'रावण सहिता 'नामक ग्रंथ  की रचना की थी  जो आज भी है ।रावण भविष्य ज्ञाता भी था जो उसके साथ हुआ वह सब  उसने पहले ही जान लिया था ।पर  उसके पास राम से युद्ध करने के अलावा और कोई विकल्प नही था अगर रावण  अन्य कोई विकल्प  अपनाता तो आज भारत मे दशहरा नही मनाया जाता ।  बुराई पर  अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा राम के साथ रावण की भी याद दिलाता है ।रावण भले ही बुराई का पात्र है । पर  उसके बिना रामायण अधूरी है । रावण गलत नही था वह  अलग था ।
दशहरा का मतलव है दस + सहरे यानी की दस सिर ' पर  इसका यह मतलव नही है की रावण के दस शिर थे ।नही इसका अर्थ है की दस बुद्धिमान  आदमीयों के बराबर ज्ञान रावण के एक ही सिर मे था ।यह दस सिर वाले रावण के चित्र यही समझाने के लिए उदाहरण है ।पर लोगो ने लकीर का फकीर बना दिया । हाँ यह हो सकता है की रावण मायावी था और  उसने कभी एकाध बार माया से अपना दस सिर बाला रूप बनाया होगा । पर वास्तविक सिर तो रावण का एक ही था ।
पर यह सच है की रावण का शरीर बहुत विशाल था ।एसा होना सोभाविक है । क्योंकि उस युग मे मनुष्यों के शरीर भी पूरे विकशित होते थे 'उस समय के इतिहास मे कही कही यह प्रमाण मिलते है की उस युग मे लोग 20 फिट तक लवे कद को होते थे ।और फिर रावण तो माशाहारी था तो उसका शरीर तो विशाल होगा ही । उस युग मे मनुष्यों की आयू भी बहुत लंबी होती थी हजार साल तक भी आदमी जीता था । पर  आज तक  अमर कोई भी नही हुआ रावण भी नही । जो पैदा होता है उसका मरना भी पक्का होता है ।

नं.1एंकर नीलम शर्मा ।

नीलम शर्मा📺
डी डी न्यूज चैनल की एंकर नीलम शर्मा ' जो की एक वरिष्ठ समाचार वाचक  और प्रस्तुतकर्ता है । वह डी डी न्यूज पर सन1995 से कार्यरत है ।उन्हें सन 2010 मे महिलाओ की एक संस्था ' आधी आवादी ' ने 'वूमन  एचीवर्स अवार्ड ' से सम्मानित किया है । नीलम  एक कुशल समाचार वाचक है उनकी साफ दमदार  आवाज लोगो को बहुत भाती है ।नीलम को अपने 21 साल के कार्यकाल मे कभी भी न्यूज चैनल पर कुर्ती सलवार मे नही देखा गया ' वह हमेशा भारत के पारंपरिक लिवाज साडी ब्लाऊज मे नजर  आती है ' माथे पर बिंदी गले मे मंगलसूत्र यही उनकी पहचान है । नीलम  अपने अलग  अदाज़ मे समाचार वाचन या इंटरव्यू लेती देखी जाती है । कार्यक्रम ' चर्चा मे ' को लेकर नीलम बहुत लोकप्रिय है । उनकी लोकप्रिता को देखते हुए उन्हें नं. वन  एंकर कहना शायद गलत नही होगा ।
नीलम शर्मा  डी डी न्यूज चैनल की पहचान है ।

चूना उघोग, कम लागत, आधिक मुनाफा

  आज भारत मे 75 पैरेंट लोग पान में जो चुना खाते है।  इस चूने को बनाना और इस तरह की डिब्बी में भरकर बेचने वाले लोग भारी मुनाफा कमाई करते है।